टाटा ट्रस्ट आदिवासी समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए 500 करोड़ रुपये करेगा निवेश

मुंबई/ रांची : टाटा ट्रस्ट ने अपनी प्रमुख योजना सीनी के तहत अगले पांच साल में चार राज्यों में आदिवासी समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए करीब 500 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. सीनी कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक गणेश नीलम ने मुंबई मे कहा कि सीनी या एकीकृत आजीविका के लिये […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 11, 2017 8:28 AM

मुंबई/ रांची : टाटा ट्रस्ट ने अपनी प्रमुख योजना सीनी के तहत अगले पांच साल में चार राज्यों में आदिवासी समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए करीब 500 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. सीनी कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक गणेश नीलम ने मुंबई मे कहा कि सीनी या एकीकृत आजीविका के लिये सामूहिक पहल के तहत पहले चरण में 119 करोड़ रुपये के बजट में से ट्रस्ट 25 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है. परियोजना की शुरुआत अप्रैल 2015 में रतन टाटा की व्यक्तिगत पहल से हुई थी.

ट्रस्ट के उत्तर और मध्य क्षेत्र के प्रमुख नीलम ने कहा कि संगठन इस परियोजना में कुल मिलाकर अगले पांच साल में करीब 500 करोड़ रुपये निवेश करेगा. इसमें से कुछ राशि परमार्थ कार्यों के जरिये जुटायी जाएगी.सीनी का मकसद चारा राज्यों झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र और गुजरात के 1,01,000 आदिवासी परिवारों को इसके दायरे में लाना और 2020 तक खेती-बाड़ी और पशुपालन के जरिये उनकी आय तिगुनी कर 1.2 लाख सालाना करना है. कुल मिलाकर हमारा मकसद इन लोगों को लखपति बनाना है.
केवल चार राज्यों को चुने जाने के कारण के बारे में पूछे जाने पर नीलम ने कहा कि इन चार राज्यों में देश की कुल आदिवासी आबादी का 65 प्रतिशत रहता है. उन्होंने कहा कि आजीविका बढ़ाने की पहल का मकसद उनकी आय तिगुना कर 1.2 लाख सालाना करना है. यह चार रणनीतियां…उच्च मूल्य कृषि, आजीविका (प्राथमिक रुप से सुअर और बकरी पालन), लकड़ी के अलावा अन्य वन उत्पाद और बागावानी पर आधारित है

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