केंद्रीय बजट : भूमिहीन किसानों को भी मिल सकता है पीएम सम्मान योजना का लाभ

अंजनी कुमार सिंह नयी दिल्ली : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में आम लोगों के हित में कई घोषणाएं हो सकती हैं, लेकिन प्राथमिकता में किसान और कृषि क्षेत्र रहेगा. सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण कृषि समस्या को देखते हुए बजट में भूमिहीन किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 3, 2019 9:19 AM

अंजनी कुमार सिंह

नयी दिल्ली : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में आम लोगों के हित में कई घोषणाएं हो सकती हैं, लेकिन प्राथमिकता में किसान और कृषि क्षेत्र रहेगा. सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण कृषि समस्या को देखते हुए बजट में भूमिहीन किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया जा सकता है. किसानों की आय दोगुना करने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, 1951 में देश में भूमिहीन किसानों की संख्या 2.73 करोड़ थी, वह 2011 में बढ़ कर 14.4 करोड़ हो गयी.

सामाजिक-आर्थिक जनगणना के 2011 की रिपोर्ट में भूमिहीनता को गरीबी का सबसे बड़ा कारण बताया गया है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 56 फीसदी परिवार भूमिहीन हैं. एनएसएसओ के आंकड़े के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में जहां 1971 में औसतन परिवार के पास 1.2 हेक्टेयर भूमि थी, वह वर्ष 2013 में घटकर 0.59 हेक्टेयर हो गयी है. यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 92 फीसदी परिवारों के पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है. भूमि के घटते रकबे के कारण किसानों को खेती पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है. उनकी आय घट रही है.

सरकार के नयेएलान के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था से आय समर्थन का कदम झलक में दिख सकती है. अगर ऐसा होता है, तो सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि बढ़ा सकती है. सरकार की प्राथमिकता में मनरेगा को कृषि से जोड़ने, जल समस्या को दूर करने, रोजगार बढ़ाने और मध्यवर्ग के लिए कई कदम उठाये जा सकते हैं. साथ ही बजट से सरकार अगले पांच साल का रोडमैप भी पेश करेगी. देश में सूखे के हालात को देखते हुए पानी को लेकर बजट में बड़ी घोषणा हो सकती है. प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत की तर्ज पर सभी को स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए जल संचय और पानी के स्रोतों के संवर्धन के लिए काफी सक्रिय है.

-यह भी दिये सुझाव
फसल लागत का कम-से-कम 50% सुनिश्चित करना होगा
सिंचाई क्षेत्र में निवेश, कृषि संबंधी ढांचागत सुविधा में निवेश
पोषक तत्वों की कमी का पता लगाने वाली प्रयोगशालाएं बने
मृदा, जल संरक्षण, जैव विविधता के लिए संरक्षित खेती को बढ़ावा
किसानों को सस्ता और समय पर कर्ज की उपलब्धता बढ़ाना
फसल, पशुधन और मानव स्वास्थ्य बीमा का विकास

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