2025 चुनाव से पहले चिरैया में बढ़ी हलचल, क्या इस बार राजद पलटेगी बाजी?

Chiraia Vidhan Sabha Seat: चिरैया विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण की प्रमुख और राजनीतिक रूप से संवेदनशील सीट मानी जाती है. यहां यादव, भूमिहार, राजपूत, मुस्लिम और OBC वोटर चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं. बीजेपी ने यहां पिछले तीन चुनावों में जीत दर्ज कर अपनी पकड़ मजबूत की है. हालांकि हर चुनाव में राजद से कड़ी टक्कर मिलती रही है और हार-जीत का अंतर बेहद कम रहा है.

By Ayush Raj Dwivedi | August 13, 2025 8:55 PM

Chiraia Vidhan Sabha Seat: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित चिरैया विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से एक अहम और चर्चित सीट मानी जाती है. क्षेत्र न सिर्फ अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि हर चुनाव में यहां का जनादेश बेहद दिलचस्प होता है.चिरैया का सामाजिक और जातीय समीकरण इसे अन्य विधानसभा क्षेत्रों से अलग बनाता है.यादव, भूमिहार, राजपूत, मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के वोटर यहां के चुनाव परिणाम को सीधे प्रभावित करते हैं.

चिरैया विधानसभा में दिखती है कांटे की टक्कर

इस सीट पर बीजेपी, राजद, जेडीयू समेत कई दलों और निर्दलीयों के बीच मुकाबला होता है. इस सीट पर कभी भारी अंतर से तो कभी बेहद कम अंतर से जीत-हार तय होती है, जो इसे राजनीतिक रूप से रोमांचक बना देता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने राजद उम्मीदवार अच्छे लाल प्रसाद को हराकर जीत दर्ज की थी.लाल बाबू को 62,904 वोट मिले, जो कुल 37.97% वोट शेयर था। राजद प्रत्याशी को 46,030 वोट मिले यानी 27.78%। इस जीत ने एक बार फिर बीजेपी की पकड़ को मजबूत किया.

2015 में भी बीजेपी के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार मुकाबला बेहद कांटे का रहा। उन्होंने राजद के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को मात्र 4,374 वोटों से हराया था. इससे पहले 2010 में बीजेपी के अवनीश कुमार सिंह ने राजद के ही उम्मीदवार को हराकर सीट पर कब्जा जमाया था.

बीजेपी के लिए मजबूत किला है चिरैया सीट

चिरैया विधानसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों में बीजेपी की लगातार जीत ने उसकी मजबूती को दर्शाया है, लेकिन वोटिंग पैटर्न से यह भी स्पष्ट है कि मुकाबला हर बार टक्कर का होता है. ऐसे में 2025 में इस सीट पर होने वाला चुनाव और भी दिलचस्प होने वाला है.

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