Mukesh Ambani को टक्कर देने आ रहे Gautam Adani, 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में लगाएंगे बोली

5G सर्विसेज के भारत में लॉन्च होने की खबरें काफी तेजी से फैल रही है. इसी बीच खबर आ रही है कि अब Adani ग्रुप भी टेलीकॉम सेक्टर मे कदम रख सकती है. भारत में Adani का मुकाबला Reliance Jio और Airtel से होने वाला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2022 11:15 AM

Gautam Adani To Enter Telecom Sector: Gautam Adani और Adani ग्रुप के बारे में हम सभी जानते हैं. एशिया के सबसे अमीर अरबपति जल्द ही टेलीकॉम सेक्टर में अपना कदम रख सकते हैं. खबरों की मानें तो Adani ग्रुप भी इस महीने के अंत में होने वाली 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदन भी दिया है. आपको बता दें भारत में Gautam Adani ग्रुप का मुकाबला Mukesh Ambani के Reliance Jio और Bharati Mittal के Airtel से होने वाला है.

इस दिन होगी स्पेक्ट्रम की नीलामी

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी आगामी 26 जुलाई को होने वाली है. Adani ग्रुप ने 8 जुलाई को इस नीलामी में हिस्सा लेने के लिए अपना आवदेन जमा किया. रिपोर्ट्स की मानें तो इस नीलामी में Reliance Jio, Airtel और Vodafone ने भी हिस्सा लेने के लिए आवदेन डाला है. सूत्रों की मानें तो इस नीलामी में हिस्सा लेने वाला Adani चौथा ग्रुप है. इस ग्रुप में हाल ही में राष्ट्रीय लम्बी दूरी और अंतर्राष्ट्रीय लम्बी दूरी के लिए लाइसेंस हासिल किया है. लेकिन इस बात से जुड़ी किसी भी तरह की सूचना Adani ग्रुप ने ऑफिशियली नहीं दी है.

12 जुलाई को होगा खुलासा

नीलामी के समय सीमा के अनुसार आवेदकों का विवरण 12 जुलाई को प्रकशित किया जाएगा। आपको बता दें 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी. नीलामी के दौरान 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को पेश किया जाएगा.

Reliance Jio और Airtel से होगा मुकाबला

अगर Adani ग्रुप टेलीकॉम इंडस्ट्री में कदम रखते हैं तो उन्हें Reliance के JIo और Bharati Mittal के Airtel से मुकाबला करना होगा. Jio और Airtel दोनों ही नेटवर्क भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाते हैं और शहरों से लेकर गाओं तक इनकी पहुंच काफी अच्छी है. Adani ग्रुप को इन दोनों को ही पीछे छोड़ने की कोशिश करनी होगी. Reliance Jio और Airtel को पीछे छोड़ना आसान तो नहीं होगा. लेकिन, अगर भारत में Adani को टिकना है तो इन दोनों ही टेलीकॉम कंपनियों को पीछे छोड़ना होगा.

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