karbonn को पछाडकर देशी मोबाइल कंपनियों में LAVA आया दूसरे स्‍थान पर

भारत में स्‍मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों की टक्‍कर में एक के बाद एक कंपनियां नंबर वन बनने की कोशिश में लगी हुई है. इसी क्रम में भारतीय स्‍मार्टफोन निर्माता कंपनियों में सबसे ज्‍यादा लोकप्रिय माइक्रोमैक्‍स ने अबतक अपने पहले स्‍थान पर बरकरार है. वहीं दूसरे नंबर पर कार्बन को पछाडकर दिल्‍ली की कंपनी लावा ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 4, 2014 4:14 PM

भारत में स्‍मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों की टक्‍कर में एक के बाद एक कंपनियां नंबर वन बनने की कोशिश में लगी हुई है. इसी क्रम में भारतीय स्‍मार्टफोन निर्माता कंपनियों में सबसे ज्‍यादा लोकप्रिय माइक्रोमैक्‍स ने अबतक अपने पहले स्‍थान पर बरकरार है. वहीं दूसरे नंबर पर कार्बन को पछाडकर दिल्‍ली की कंपनी लावा ने अपना कब्‍जा जमा लिया है.

एक मार्केट रिसर्च फर्म साइबैक्‍स मैग्जिम ने अपने रिपोर्ट में यह बात सामने रखी. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में माइक्रोमैक्‍स ने इस साल तीसरी तिमाही में कुल 37 लाख स्‍मार्टफोन हैंडसेट का आयात किया था. जबकि लावा ने 19 लाख हैंडसेड मंगवाए थे. ये सभी कंपनियां चीन से ही हैंडसेटों का आयात करती हैं. जबकि अबतक नंबर दो पर रही कंपनी कार्बन ने कुल 18 लाख हैंडसेट का आयात कर तीसरे नंबर पर रहा.

हलांकि कार्बन कंपनी का दावा है कि उसके आंकडों के मुताबिक स्‍मार्टफोनों के निर्माण में यह लावा से अब भी आगे है. जबकि‍ फीचर फोनों की कटैगरी में लावा अपना वर्चस्‍व कायम रखते हुए अब भी पहले स्‍थान पर है. भारत में फीचर फोनों का हिस्‍सा कुल मोबाइल फोन मार्केट में 70 फीसदी से ज्‍यादा है. लेकिन तेज गति से स्‍मार्टफोनों की बिक्री से यह आंकडा तेजी घट रहा है.

भारत में स्‍मार्टफोनों के बाजार में अप्रैल से जून तक सबसे ज्‍यादा मार्केट शेयर 29 प्रतिशत के साथ सैमसंग के पास था. इसके बाद माइक्रोमैक्‍स के पास 18 प्रतिशत वहीं कार्बन के पास 8 प्रतिशत और लावा के पास 6 प्रतिशत रहा. भारतीय कंपनियों को चीनी कंपनी जियाओमी, लिनावो-मोटोराला, जियोनी जैसी कंपनियों से भी कडी टक्‍कर मिल रही है ,जो आए दिन सस्‍ते दामों के स्‍मार्टफोन भारतीय बाजारों में लांच कर रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version