Lalu Family Controversy: लालू परिवार के भीतर खामोश जंग का खुला ऐलान! तेजप्रताप यादव ने नए पोस्टर के जरिए कर दिया सबकुछ साफ
Lalu Family Controversy :तेज प्रताप यादव ने लालू-राबड़ी की तस्वीर हटाकर 'संपूर्ण बदलाव' का ऐलान किया .नई पार्टी, नया पोस्टर और नई पहचान के साथ सियासत में नई पारी.
Lalu Family Controversy : बिहार की राजनीति में लालू परिवार के भीतर की खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) का नया पोस्टर जारी किया है. लेकिन इस बार पोस्टर में कुछ ऐसा था, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. तेज प्रताप के ‘भगवान’ यानी लालू यादव और मां राबड़ी देवी की तस्वीर गायब है.
अब राजनीति में ‘संपूर्ण बदलाव’ के मिशन पर निकले लालू के बड़े बेटे
कभी पिता को भगवान कहने वाले तेज प्रताप यादव ने अब ‘संपूर्ण बदलाव’ की ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं. दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि तेजप्रताप यादव ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट X की कवर फोटो बदल दी है. इस कवर फोटो पर जहां लालू यादव के साथ तेजप्रताप की फोटो हुआ करती थी. अब वहां लोकनायक जयप्रकाश नारायण की तस्वीर है. याद दिला दें, ‘संपूर्ण बदलाव’ लोकनायक जयप्रकाश नारायण का ही नारा था. ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव ने अब अपनी राजनीतिक को नई राह और नई पहचान देने की राह पर नजर आ रहे हैं.
अब शुरू होगी असली बगावत?
राजनीतिक विशलेषक रवि उपाध्याक का कहना भी मानना है कि तेजप्रताप का यह कदम केवल एक पोस्टर लॉन्च नहीं है. ये लालू परिवार के भीतर चल रही खामोश जंग का खुला ऐलान है. एक ओर तेजस्वी यादव महागठबंधन और आरजेडी की सत्ता संभाल रहे हैं. वहीं, तेज प्रताप अब जन भावनाओं और विरोध की राजनीति को साधने की कोशिश कर रहे हैं. अगर वे इस इरादे पर डटे रहे, तो 2025 का विधानसभा चुनाव लालू परिवार के दो राजनीतिक चेहरों की जंग में तब्दील हो सकता है.
तेजप्रताप को करना होगा साबित
बिहार की राजनीति की समझ रखने वाले रवि उपाध्याय कहते हैं कि तेजप्रताप यादव को उनके परिवार और पार्टी से तो बेदखल ही कर दिया है! ऐसे में तेजप्रताप यादव के सामने चुनौती है. उन्हें खुद को साबित करना होगा. उनके पास कोई चारा भी नहीं है, वो लालू के बेटे हैं. उनसे किसी और काम नहीं हो सकता है. हालांकि, तेजप्रताप यादव ने अपनी पार्टी के पोस्टर और सिंबल से मैसेज दे दिया है. वो लालू यादव के साए से दूर खुद की अलग पहचान बनाने को तैयार हैं.
पोस्टर में कौन-कौन और क्यों
तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी के पोस्टर में जिन पांच नेताओं की तस्वीर लगाई है, उनमें महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, डॉ. राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और जननायक कर्पूरी ठाकुर की तस्वीरें हैं. जो सामाजिक-राजनीतिक चेतना के प्रतीक हैं. गांधी अहिंसा के प्रतीक हैं, जिन्होंने जनता को सत्ता का मूल माना. अंबेडकर ने समानता और सामाजिक न्याय की नींव रखी. लोहिया ने पिछड़ों और वंचितों की राजनीति को स्वर दिया. जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का सपना दिखाया और जनता की ताकत को राजनीति के केंद्र में रखा. वहीं, कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के जननायक और गरीबों के मसीहा माने जाते हैं. इन सभी की विचारधारा को जोड़कर तेज प्रताप खुद को जनआधारित, समाजवादी और न्यायप्रिय नेता के रूप में पेश करना चाहते हैं. पोस्टर का स्लोगन “जन-जन की शक्ति, जन-जन का राज” लिखा है.
अंत में सवाल
तेजप्रताप के इस नए कदम से बिहार की राजनीति में कई सवाल उभर रहे हैं. मसलन-
क्या यह ‘संपूर्ण बदलाव’ की शुरुआत है या परिवार से पूरी दूरी का इशारा?
क्या लालू यादव के बड़े बेटे अब ‘लालूवाद’ से आगे ‘तेजप्रतापवाद’ की नींव रख रहे हैं?
एक बात तो तय है, तेज प्रताप यादव अब सिर्फ लालू के बेटे नहीं, अब अपनी कहानी के नायक बनना चाहते हैं.
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