संयुक्त राष्ट्र को भायी बंगाल की ‘कन्याश्री’ योजना, जानें, एक दशक में कैसे रुके ढाई करोड़ बाल विवाह

संयुक्त राष्ट्र ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बेटियों को सशक्त बनाने वाली योजना ‘कन्याश्री प्रकल्प कार्यक्रम’ की तारीफ की है. वैश्विक संगठन ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की इस योजना की वजह से बाल विवाह रोकने और बेटियों की शिक्षा को जारी रखने में मदद मिली है. इस योजना के तहत सशर्त नकदी हस्तांतरण को प्रोत्साहित किया जाता है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 24, 2020 1:45 PM

कोलकाता/संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बेटियों को सशक्त बनाने वाली योजना ‘कन्याश्री प्रकल्प कार्यक्रम’ की तारीफ की है. वैश्विक संगठन ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की इस योजना की वजह से बाल विवाह रोकने और बेटियों की शिक्षा को जारी रखने में मदद मिली है. इस योजना के तहत सशर्त नकदी हस्तांतरण को प्रोत्साहित किया जाता है.

बाल विवाह एवं जबरन विवाह पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यूएनएफपीए-यूनीसेफ ग्लोबल प्रोग्राम टू एक्सेलरेट एक्शन टू एंड चाइल्ड मैरेज’ ने भारत में पश्चिम बंगाल के कन्याश्री प्रकल्प कार्यक्रम को समर्थन दिया. इसके तहत बाल विवाह रोकने और शिक्षा जारी रखने के लिए सशर्त नकद हस्तांतरण को प्रोत्साहित किया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान ने विवाहित लड़कियों को सशक्त बनाने में योगदान दिया और उन्हें स्वास्थ्य, शैक्षणिक, आर्थिक एवं कानूनी सहायता तक पहुंच का मौका मिला.

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यूनीसेफ के अनुसार, पिछले एक दशक में दुनिया भर में लड़कियों की शिक्षा की दर बढ़ने और बाल विवाह के नुकसान और इसकी अवैधता के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा किये जाने के कारण 2 करोड़ 50 लाख बाल विवाह रोके गये.

बाल विवाह एवं जबरन विवाह पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एक रिपोर्ट में भारत में लिंग एवं बच्चों के प्रति संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहित करने संबंधी राष्ट्रीय नीतियों और क्षमता निर्माण की पहलों का संज्ञान लिया गया है.

जून, 2018 से मई, 2020 की अवधि के लिए ‘बाल, समय पूर्व और जबरन विवाह का मुद्दा’ पर महासचिव एंतोनियो गुतारेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों ने विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने के लिए विधायी एवं नीतिगत उपाय लागू किये हैं और बाल, सही उम्र से पहले एवं जबरन विवाह को रोकने के लिए समग्र रणनीतियां अपनायी हैं.

रिपोर्ट में बाल विवाह, सही उम्र से पहले विवाह और जबरन विवाह को रोकने के लिए विश्व भर में की गयी प्रगति की समीक्षा की गयी है. इसमें कहा गया है कि इथियोपिया, घाना, भारत, मोजाम्बिक, नाइजर और युगांडा ने बाल विवाह, सही उम्र से पहले विवाह और जबरन विवाह झेलने वाली लड़कियों समेत लिंग एवं बच्चों के प्रति संवेदनशील स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय नीतियां विकसित कीं.

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रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन देशों ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये और क्षमता निर्माण की पहलें शुरू कीं. रिपोर्ट में विवाहित लड़कियों एवं महिलाओं संबंधी नीतियों की भी बात की गयी है. इसमें कहा गया है कि भारत में ‘लाडली सम्मान’ मुहिम के तहत महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा योजना और परामर्श देने की व्यवस्था की गयी है.

Posted By : Mithilesh Jha

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