नेपाल में भी चीनी चाल, नेपाली नक्शे को लेकर हुआ ये खुलासा

india nepal map. india china, china news, nepal : भारत चीन और नेपाल के बीच जारी विवाद में एक नया खुलासा सामने आया है. नेपाल द्वारा हाल ही में अपने संसद में पास किये गये नक्शा प्रस्ताव में चीन की चालबाजियां सामने आई है. खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो नेपाल में चीन की राजदूत ने इसमें अहम भूमिका निभाई है, जिसके बाद ही नेपाल ने ऐसा दुस्साहस किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 18, 2020 8:22 AM

काठमांडू : भारत चीन और नेपाल के बीच जारी विवाद में एक नया खुलासा सामने आया है. नेपाल द्वारा हाल ही में अपने संसद में पास किये गये नक्शा प्रस्ताव में चीन की चालबाजियां सामने आई है. खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो नेपाल में चीन की राजदूत ने इसमें अहम भूमिका निभाई है, जिसके बाद ही नेपाल ने ऐसा दुस्साहस किया है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल मे चीन के युवा राजदूत होऊ यांगी के कहने पर ही नेपाली पीएम केपी ओली ने नक्शा का शिगूफआ छोड़, जिसके बाद यह विवाद का स्वरूप लेता गया और बाद में चीन ने इसपर संसद में प्रस्ताव भी पास करा दिया.

Also Read: भारत और नेपाल के बीच जारी विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा- दुनिया की कोई ताकत…

बता दें कि होऊ यांगी नेपाल से पहले पाकिस्तान में चीन की राजदूत रह चुकी हैं, उनके काम को देखते हुए ही सरकार ने उन्हें नेपाल भेजा गया था. यांगि नेपाली पीएम के करीबी भी मानी जाती हैं और पीएम आवास पर बेरोक-टोक जाती रहती है.

नेपाल की निचली सदन ने भारतीय सीमा लिपुलेख और कालापानी से नक्शा संबंधित प्रस्ताव को पास कर दिया है. प्रस्ताव के समर्थन में 258 वोट पड़े, जबकि 12 सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया. प्रस्ताव पास होने के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ और मधेशी सांसद सरिता गिरी को मार्शल ने सदन से बाहर कर दिया. इसके अलावा समाजवादी दल के कई सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया.

क्या है मामला- उत्तराखंड सीमा से लगने वाली काली नदी की सीमा को लेकर नेपाल ने नया दावा कर दिया है.इस क्षेत्र में आने वाली लिपुलेख और कालापानी पर नेपाल ने अपना अधिकार जताते हुए प्रस्ताव पेश कर दिया. नेपाल सरकार ने कहा कि वो इससे एक कदम पीछे नहीं हटेगी. यह विवाद तब शुरू हुआ, जब भारत लिपुलेख इलाके में वर्षों बाद सड़क निर्माण कर रहा है.

कर्ज के तले दबा नेपाल : चीन ने नेपाल के रसुवा में पनबिजली प्रोजेक्ट शुरू किया है. यह तिब्बत से 32 किलोमीटर दूर है. इसमें चीन ने 950 करोड़ रुपये लगाये हैं. इसके अलावा काठमांडू से तिब्बत के लिए 70 किमी रलवे लाइन बनाना शुरू किया गया है. नेपाल के नया नक्शा जारी करने के पीछे भी चीन का ही हाथ है. चीन नेपाल को आर्थिक मदद भी कर रहा है.

Posted By : Avinish Kumar Mishra

Next Article

Exit mobile version