चीन में राष्ट्रपति जिनपिंग और लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन जारी, राजधानी बीजिंग तक पहुंचे प्रदर्शनकारी

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन चीन की राजधानी बीजिंग तक फैल गया है. इस बीच, चीन में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए.

By KumarVishwat Sen | November 28, 2022 5:58 PM

बीजिंग : चीन में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक बार फिर लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस लॉकडाउन के विरोध में लोगों ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. आलम यह कि कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद सरकार की जीरो-टॉलरेंस की रणनीति की वजह से लोगों में असंतोष फैला हुआ है. सरकार की जीरो टॉलरेंस की रणनीति को लेकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है.

चीन में कोरोना के 40 हजार नए मामले दर्ज

मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन चीन की राजधानी बीजिंग तक फैल गया है. इस बीच, चीन में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए. लगातार पांचवें दिन बीजिंग में कोरोना वायरस के करीब 4,000 मामले सामने आए. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि सोमवार को संक्रमण के 39,452 नए मामले आए, जिनमें 36,304 स्थानीय मामलों में मरीजों में बीमारी के लक्षण नहीं देखे गए.

बीजिंग तक पहुंची प्रदर्शन की आग

इस बीच, सप्ताहांत के दौरान पूर्वी महानगर शंघाई में शुरू हुए प्रदर्शन बीजिंग तक फैल गए, जहां मध्य शहर में लियांगमाहे नदी के समीप रविवार शाम को सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए. शंघाई के उरुमकी में गुरुवार को लॉकडाउन के दौरान एक अपार्टमेंट में आग लग जाने की घटना में मारे गए लोगों की याद में मोमबत्तियां लिए हुए लोगों ने सरकार द्वारा मनमाने लॉकडाउन के खिलाफ और शंघाई में प्रदर्शनों के प्रति एकजुटता जताते हुए नारे लगाए. कई राजनयिकों और विदेशियों ने प्रदर्शन देखा, क्योंकि ये प्रदर्शन बीजिंग में राजनयिक आवासीय परिसर के समीप हुए.

प्रदर्शनकारियों ने शी जिनपिंग से मांगा इस्तीफा

मीडिया से बातचीत करते हुए प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बीजिंग समेत चीन के कई शहरों में घंटों तक प्रदर्शन किए गए और पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया. शंघाई में शनिवार और रविवार को प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) तथा देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस्तीफा देने की मांग की. बीजिंग में प्रतिष्ठित सिंगहुआ विश्वविद्यालय और नानजिंग में कम्यूनिकेशन यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया. ऑनलाइन अपलोड की गई तस्वीरों और वीडियो में छात्र उरुमकी हादसे के पीड़ितों के लिए मार्च करते हुए और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए. सिंगहुआ विश्वविद्यालय ने एक नए नोटिस में छात्रों से कहा कि अगर वे जनवरी की छुट्टियों के मद्देनजर घर जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं.

सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ प्रदर्शन

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना की लहर को रोकने के लिए सरकार की ओर से लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद चीन के कई शहरों में लोगों का विरोध-प्रदर्शन खुद ही शुरू हो गया. बताया यह जा रहा है कि चीन के लोगों का यह गुस्सा प्रदर्शन के रूप में तब सामने आया, जब लॉकडाउन लगाने के बाद सरकार ने जीरो टॉलरेंस की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया. सरकार की जीरो टॉलरेंस की रणनीति और सीपीसी के अध्यक्ष और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ चीन में लोगों का प्रदर्शन अभूतपूर्व है.

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जिनपिंग का तीसरी बार राष्ट्रपति चुना भी है गुस्से का असली कारण

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तकरीबन 1.4 अरब की आबादी वाले चीन में 10 लाख से अधिक आबादी वाले करीब 106 ऐसे शहर हैं, जहां पर लोग अभी तक सरकार के इस फैसले के खिलाफ सामूहिक तौर एकत्र नहीं हुए हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार अगर अपने फैसले को वापस नहीं लेती है, तो चीन में प्रदर्शन की यह आग कई और शहरों में फैल सकती है. इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि अभी हाल ही के दिनों में सीपीसी के 20वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान शी जिनपिंग को चीन का तीसरी बार अगले पांच साल के लिए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भी लोगों में नाराजगी बनी हुई है. इसीलिए, लॉकडाउन लगाने के बाद लोगों का गुस्सा सड़कों पर नजर आने लगा है.

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