West Bengal: अस्पताल से ईडी कार्यालय ले जाते वक्त पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर महिला ने फेंका जूता

पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति के चर्चित मामले के आरोपी पार्थ चटर्जी पर एक महिला ने जूता फेंका. उनपर जूता उस वक्त फेंका गया जब उन्हें इसीआई अस्पताल से ईडी कार्यालय ले जाया जा रहा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2022 3:49 PM

Kolkata News: पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति के चर्चित मामले के आरोपी पार्थ चटर्जी पर एक महिला ने जूता फेंका. उनपर जूता उस वक्त फेंका गया जब उन्हें इसीआई अस्पताल से ईडी कार्यालय ले जाया जा रहा था. पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर जूता फेंकने वाली महिला ने स्पष्ट कहा कि मैं उन पर अपना जूता फेंकने आई थी. उन्होंने गरीब लोगों से पैसे लिए हैं. मुझे खुशी होती अगर जूता उनके सर पर लगा होता.

चिकित्सकीय जांच के लिए अस्पताल लाए गए थे

रविवार को ईडी अधिकारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को चिकित्सीय जांच के लिए सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय से जोका इएसआई अस्पताल ले गये थे.


मेरे खिलाफ साजिश हुई

अस्पताल ले जाते समय व्हीलचेयर पर बैठे पार्थ चटर्जी ने पत्रकारों के सवाल-जवाब का तल्ख लहजे में देते हुए कहा कि मेरे खिलाफ साजिश हुई है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किसकी साजिश के शिकार हैं. करीब डेढ़ घंटे बाद व्हीलचेयर पर ही पार्थ को बाहर लाया गया. तब भी उनसे पूछा गया कि वह किसकी साजिश की बात कह रहे हैं? तब पार्थ बोले, “जिसने साजिश की है, वे समझ जायेंगे. पार्टी का फैसला देख लीजिए.” यह पूछने पर कि क्या पार्टी का फैसला सही है, पार्थ का जवाब था, “समय ठीक नहीं है, जांच प्रभावित हो सकती है. वक्त ही बतायेगा.” मुख्यमंत्री द्वारा उनके संबंध में लिये गये फैसले पर पार्थ ने कहा, “ममता बनर्जी का फैसला सही है.” बता दें कि गिरफ्तारी से पहले पार्थ चटर्जी के पास औद्योगिक व संसदीय मामलों का विभाग था. वहीं शिक्षा विभाग भी वे संभाल रहे थे.

अर्पिता के दो ठिकानों से मिले हैं 50 करोड़ रुपये

बताते चलें कि पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षक भर्ती में घोटाला हुआ था, जिसकी जांच के दौरान उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करोड़ों की नकदी और सोना बरामद किये गये. अर्पिता के अलग-अलग फ्लैटों से लगातार नोटों की बड़ी खेप मिल रही है. अब तक उसके दो ठिकानों से करीब 50 करोड़ रुपये और पांच करोड़ से ज्यादा मूल्य के सोने के गहने बरामद हुए हैं. साथ ही करोड़ों की अचल संपत्तियों की दलीलें भी मिली हैं. वहीं, इडी की पूछताछ में पार्थ यह कह रहे हैं कि उन पैसों से उनका कोई लेना-देना नहीं है, पर अर्पिता कबूल कर चुकी है कि बरामद नकदी पार्थ चटर्जी के ही हैं.

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