तृणमूल और ममता बनर्जी की जिद से बंगाल को 9800 करोड़ का नुकसान, 72 लाख किसान 14000-14000 रुपये से वंचित

पश्चिम बंगाल में सत्ता में बैठी तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की जिद की वजह से राज्य को अब तक 9,800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. राज्य के 72 लाख किसानों को 14-14 हजार रुपये से वंचित होना पड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को ये आरोप लगाये.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2020 6:11 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्ता में बैठी तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की जिद की वजह से राज्य को अब तक 9,800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. राज्य के 72 लाख किसानों को 14-14 हजार रुपये से वंचित होना पड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को ये आरोप लगाये.

भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना लागू नहीं करने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा. भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर किसानों को केंद्र द्वारा दिये जा रहे नकद लाभ से वंचित करने का आरोप लगाया.

अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि राज्य के करीब 23 लाख किसानों ने इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपने नाम पंजीकृत कराये हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उनकी पहचान करने और लाभार्थियों की सूची केंद्र को सौंपने से इनकार कर दिया है.

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आज, जब प्रधानमंत्री देशभर के 9 करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किया, तो पश्चिम बंगाल के किसान उससे वंचित रह गये, क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनकी पहचान करने और लाभार्थियों की सूची केंद्र को सौंपने से मना कर दिया है. पीशी के अहंकार का मतलब है किसानों की परेशानी.

Amit Malviya, IT Cell, Bharatiya Janata Party


एक-एक किसान को 14 हजार रुपये का नुकसान

मालवीय ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पश्चिम बंगाल में करीब 72 लाख किसानों में से तकरीबन 23 लाख ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभ पाने के लिए खुद केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, लेकिन पीशी (आंटी के लिए बांग्ला शब्द) उन्हें सत्यापित नहीं करेंगी. पश्चिम बंगाल में प्रत्येक किसान को अब तक 14,000 रुपये का नुकसान हो चुका है और राज्य को 9,800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.’

पीशी के अहंकार से किसान परेशान

अमित मालवीय ने कहा, ‘आज, जब प्रधानमंत्री देशभर के 9 करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किया, तो पश्चिम बंगाल के किसान उससे वंचित रह गये, क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनकी पहचान करने और लाभार्थियों की सूची केंद्र को सौंपने से मना कर दिया है. पीशी के अहंकार का मतलब है किसानों की परेशानी.’

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ममता ने किसानों को निराश किया

उन्होंने कहा, ‘नाबार्ड द्वारा 2016-17 में किसानों की जो औसत मासिक आमदनी बतायी गयी थी, उस लिहाज से पश्चिम बंगाल 29 राज्यों में 24वें स्थान पर आता है. पीशी ने किसानों को निराश किया है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ के तहत नौ करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की किस्त जारी की. मालवीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के जल संपन्न राज्य होने के बाद भी सिंचाई की स्थिति खराब है.

Posted By : Mithilesh Jha

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