WB News: बंगाल में उपद्रवियों की संपत्ति होगी कुर्क, ममता सरकार ने विस में पेश किया ‘यूपी’ जैसा विधेयक

पश्चिम बंगाल में अब सरकार या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की अब खैर नहीं है. दरअसल, 'द वेस्ट बंगाल मेंटनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर' (संशोधन) 2023 बिल को पेश सदन में पेश कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2023 7:24 AM

कोलकाता. सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. ऐसा करने वाले लोगों की संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जायेगी. इसके लिए मंगलवार को विधानसभा से एक विधेयक पारित कराया गया है. सदन में भाजपा ने इस विधेयक का विरोध किया. हालांकि, विधायकों ने इस बिल पर चर्चा में हिस्सा लिया.

द वेस्ट बंगाल मेंटनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर बिल किया गया पेश

अक्सर देखा जाता है कि किसी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी वाहनों में आग लगा दी जाती है. मरीज की मौत पर सरकारी अस्पतालों में तोड़फोड़ की जाती है. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है. ऐसे में उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने 1972 के कानून में संशोधन कर मंगलवार को विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल मेंटनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर’ (संशोधन) 2023 बिल को पेश किया.

विधेयक को विधानसभा ने पारित कर दिया. अब इस पर हस्ताक्षर के लिए इसे राज्यपाल को भेजा जायेगा. राज्यपाल के हस्ताक्षर से यह विधेयक कानून बन जायेगा. यानी पहले के कानून को और सख्त किया गया है. अभी तक सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर उसके खिलाफ कानून कार्रवाई होती थी. आरोपी को मुआवजा देना पड़ता था.

60 दिन के भीतर कोर्ट में देना होगा आवेदन

अब आरोपी के खिलाफ आरोप साबित होने पर मुआवजा ही नहीं, बल्कि उसकी संपत्ति भी कुर्क की जायेगी. इस विषय में वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधानसभा को बताया सरकारी या निजी संपत्ति की तोड़फोड़ करने वाले व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर सुनवायी के लिए 60 दिन के भीतर कोर्ट में आवेदन करना होगा. इसके बाद 180 दिन के भीतर आरोपी की संपत्ति जब्त राज्य सरकार कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी.

वहीं 80 दिनों में प्रक्रिया पूरा नहीं होने पर जब्त की गयी संपत्ति को लौटाना होगा. इसलिए काफी साफगोही के साथ प्रशासन इस कार्य को करेगी. वहीं कोर्ट में राज्य सरकार के इस कानून के तहत सुनवायी होगी. इसके साथ ही ओरोपी व्यक्ति को बताना होगा कि उसकी संपत्ति क्यों जब्त न की जाये. वहीं जब्त की गयी संपत्ति की नीलामी से मालिक या सरकार की क्षतिपूर्ति की भरपाई की जायेगी.

भाजपा ने विधेयक का किया विरोध

विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने बताया कि, विरोधियों के आंदोलनों को दबाने के लिए विधानसभा से इस विधेयक को पारित कराया गया है. पंचायत चुनाव के पहले विरोधियों को दबाने के लिए सरकार इस विधेयक को पास करायी है. आज जो सरकार कानून की बात कर रही है वहीं सरकार अतीत में तोड़फोड़ और आगजनी से सत्ता प्राप्त की है. उन्होंने कहा कि 30 नवंबर 2006 को तृणमूल कांग्रेस विधानसभा में तोड़फोड़ की थी.

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