नयी सुविधा : डेबिट या क्रेडिट कार्ड का टोकन बना कर कई ई-कॉमर्स ऐप से जोड़ सकेंगे ग्राहक

New Technology Facility - ग्राहक अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का टोकन बनाकर उसे विभिन्न ई-कॉमर्स ऐप के अपने खातों से जोड़ सकेंगे. इससे पहले सीओएफ टोकन केवल विक्रेता के ऐप या वेब पेज के जरिये ही बनाया जा सकता था.

By Rajeev Kumar | December 21, 2023 10:42 PM

New Tech Facility : भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी पहल करते हुए बैंकों और अन्य संस्थानों के स्तर पर कार्ड-ऑन-फाइल (सीओएफ) टोकन सुविधा शुरू की है. इसकी मदद से ग्राहक अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का टोकन बनाकर उसे विभिन्न ई-कॉमर्स ऐप के अपने खातों से जोड़ सकेंगे. इससे पहले सीओएफ टोकन केवल विक्रेता के ऐप या वेब पेज के जरिये ही बनाया जा सकता था. सीओएफ टोकन की मदद से ऑनलाइन भुगतान करते समय कार्ड का वास्तविक विवरण दिये बिना भुगतान किया जा सकता है.

कार्ड टोकनीकरण की व्यवस्था लागू होने से डेटा चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से ग्राहकों का बचाव हो सकेगा. आरबीआइ ने एक परिपत्र में कहा, सीओएफ टोकन सीधे कार्ड जारी करने वाले बैंकों / संस्थानों के जरिये बनाया जा सकता है. इससे कार्डधारकों को एक बार में ही कई विक्रेताओं के लिए अपने कार्ड को टोकन करने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा. सीओएफ टोकन में कार्ड के वास्तविक विवरणों, मसलन 16 अंकों की संख्या, वैधता तिथि और सीवीवी नंबर की जगह एक वर्चुअल कोड लेगा. कार्डधारकों के लिए यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह ऑनलाइन लेनदेन का एक सुरक्षित तरीका है, इसमें कार्ड का वास्तविक विवरण साझा करने की जरूरत नहीं पड़ती है.

यूपीआइ क्यूआर कोड से एनपीएस ग्राहक जमा कर सकेंगे रकम

पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने बुधवार को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के ग्राहकों को यूपीआइ क्यूआर कोड के जरिये सीधे अपना अंशदान जमा करने की अनुमति दे दी. पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि इस कदम का मकसद अंशदान की प्रक्रिया को सरल बनाना है, ताकि इसे एनपीएस प्रतिभागियों के लिए अधिक आसान और बेहतर बनाया जा सके. बयान के मुताबिक, अब ग्राहक अपने अंशदान को स्थानांतरित करने के लिए यूपीआइ क्यूआर कोड का उपयोग करेंगे.

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जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली मार्च तक

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि राजमार्ग टोल प्लाजा की मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार अगले साल मार्च तक जीपीएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली सहित नयी प्रौद्योगिकियां पेश करेगी. इस कदम का उद्देश्य राजमार्गों पर यातायात को कम करना और राजमार्गों पर यात्रा की गई सटीक दूरी के लिए वाहन चालकों से शुल्क वसूलना है.

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