Kartik Purnima 2020 : कार्तिक पूर्णिमा में प्रभु जगन्नाथ का करें दर्शन, पूर्ण होगी मनोकामना, 5 दिवसीय पंचुक व्रत का भी होगा समापन

Kartik Purnima 2020 : पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सोमवार (30 नवंबर, 2020) को सरायकेला- खरसावां जिला के विभिन्न क्षेत्रों में कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा. यूं तो रविवार की शाम से ही पूर्णिमा की तिथि शुरू हो गयी है, लेकिन खरसावां में सभी धार्मिक अनुष्ठान सोमवार को सूर्योदय के बाद शुरू होगा. सूर्योदय पूर्व नदी- सरोवरों में पवित्र स्नान कर मंदिरों में पूजा- अर्चना की जायेगी. खास कर श्रीकृष्ण मंदिर, जगन्नाथ मंदिर एवं हरि मंदिर में श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचेंगे. इसके लिए मंदिरों में भी विशेष व्यवस्था की गयी है. इस मौके पर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का दर्शन करना शुभ माना जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2020 7:28 PM

Kartik Purnima 2020 : सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सोमवार (30 नवंबर, 2020) को सरायकेला- खरसावां जिला के विभिन्न क्षेत्रों में कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा. यूं तो रविवार की शाम से ही पूर्णिमा की तिथि शुरू हो गयी है, लेकिन खरसावां में सभी धार्मिक अनुष्ठान सोमवार को सूर्योदय के बाद शुरू होगा. सूर्योदय पूर्व नदी- सरोवरों में पवित्र स्नान कर मंदिरों में पूजा- अर्चना की जायेगी. खास कर श्रीकृष्ण मंदिर, जगन्नाथ मंदिर एवं हरि मंदिर में श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचेंगे. इसके लिए मंदिरों में भी विशेष व्यवस्था की गयी है. इस मौके पर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का दर्शन करना शुभ माना जाता है.

इस मौके पर रविवार को सरायकेला के जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का विशेष शृंगार किया गया. तीनों ही विग्रहों की आकर्षण साज- सज्जा की गयी है. राधा- कृष्ण मंदिर में भी पूजा- अर्चना होगी. खरसावां के फॉरेस्ट कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में भी विशेष पूजा अर्चना की जायेगी. इस दौरान जरूरतमंदों के बीच दान किया जायेगा. वहीं, पूजा में शामिल होने वाले श्रद्धालु सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन करते हुए मंदिरों में प्रवेश करेंगे. घरों में भगवान सत्य नारायण की पूजा तथा सत्य नारायण व्रत कथा का भी आयोजन किया जायेगा.

Kartik purnima 2020 : कार्तिक पूर्णिमा में प्रभु जगन्नाथ का करें दर्शन, पूर्ण होगी मनोकामना, 5 दिवसीय पंचुक व्रत का भी होगा समापन 2
ओड़िया समाज का बोईतो बंदाण उत्सव का होगा आयोजन

ओड़िया समुदाय का सबसे पवित्र एवं पुण्य दिन कार्तिक पूर्णिमा को माना जाता है. ओड़िया समाज के लोग कार्तिक पूर्णिमा को बईतो बंदाण उत्सव के रूप में मनाते हैं. सोमवार को सूर्योदय पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में ओड़िया समुदाय के लोग नदी एव सरोवर में स्नान कर केले के पेड़ के छिलके से तैयार किये गये नाव छोडेंगे. इसके अलावे कार्तिक पूर्णिमा को लेकर थर्मकोल से बने रंग-बिरंगे नाव भी लोग पानी में छोड़ते हैं. सूर्योदय के बाद तुलसी के पौधों के सामने रंगोली बना कर भगवान विष्णु के राय-दामोदर स्वरूप की पूजा अर्चना होती. सोमवार को 5 दिवसीय विष्णु पंचुक का भी समापन भी होगा. ओड़िया समुदाय की वर्षों पुरानी यह संस्कृति अब भी चली आ रही है. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर प्रभु जगन्नाथ के दर्शन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.

Also Read: IRCTC/Indian Railways News : फिर से पटरियों पर सरपट दौड़ने लगी हावड़ा- बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस, जानें कहां-कहां है इसका ठहराव हर अनुष्ठान होता है ईश्वर को स्वीकार, मंदिरों में पहुंचेंगे श्रद्धालु

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर किये जाने वाला हर धार्मिक अनुष्ठान ईश्वर को स्वीकार होता है. विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा करने से काम, क्रोध, लोभ पर नियंत्रण होता है. भगवान सत्यनारायण की पूजा से प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. देव दीपावली के इस त्योहार पर दीप दान करने से भय से मुक्ति मिलती है. सूर्य की आराधना से एश्वर्य एवं देवी शक्ति की आराधना से शांति की प्राप्ति होती है. इसमें स्नान, दान, होम, यज्ञ, उपासना आदि करने का अनंत फल मिलता है.

क्या है कार्तिक पूर्णिमा की महत्ता ?

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सायंकाल भगवान का मत्स्यावतार हुआ था. वैदिक काल में कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था. इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु का मत्स्यावतार भी हुआ था.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version