इश्क का राज छुपाने के लिए मां ने अपने प्रेमी से करा दी बेटे की हत्या, ऐसे हुआ खुलासा

बिहार में गोपालगंज जिले के पंचदेवरी में कटेया थाने के देउरियां गांव में बीते 10 मई को गला रेतकर की गयी 12 वर्षीय मनीष की हत्या का राज सामने आने के बाद हत्या में शामिल मां व उसके प्रेमी से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया. घटना के दिन से ही पुलिस हत्या के कारणों को खंगालने में जुटी थी.

By Samir Kumar | May 31, 2020 5:54 PM

गोपालगंज : बिहार में गोपालगंज जिले के पंचदेवरी में कटेया थाने के देउरियां गांव में बीते 10 मई को गला रेतकर की गयी 12 वर्षीय मनीष की हत्या का राज सामने आने के बाद हत्या में शामिल मां व उसके प्रेमी से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया. घटना के दिन से ही पुलिस हत्या के कारणों को खंगालने में जुटी थी. मनीष की मां के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगाला जा रहा था. जांच के दौरान यह बात सामने आया कि अपने इश्क का राज छुपाने के लिए मनीष की मां धर्मशीला देवी ने अपने प्रेमी चंदेश सिंह से कह कर बेटे की हत्या करा दी. पुलिस के सामने दिये गये बयान में दोनों ने यह बात स्वीकार कर ली है.

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कटेया के थानाध्यक्ष सुमन कुमार मिश्र ने बताया कि मनीष हत्याकांड का पर्दाफाश हो चुका है. हत्या में शामिल एक आरोपित पहले से ही जेल में है. मनीष की मां धर्मशीला देवी व चंदेश सिंह को भी रविवार को जेल भेज दिया. वहीं इस हत्याकांड का खुलासा होने के बाद लोगों में यह चर्चा है कि प्रेम प्रसंग में एक मां ने अपने बेटे की हत्या करा दी, इससे निंदनीय घटना कोई हो ही नहीं सकती.

बताया जा रहा है कि धर्मशीला जानती थी कि चंदेश सिंह अपराधी है. उस पर हत्या का आरोप है और पुलिस उसे खोज रही है. इसके बावजूद उसने चंदेश को अपने यहां पनाह दिया. वह जब भी देवरियां में अपने मामा के घर आता था, धर्मशीला के घर पहुंच जाता था. दबी जुबान गांव में भी लोग इसकी चर्चा करते थे.

वहीं, जानकारी के मुताबिक, आठ मई की रात मनीष द्वारा उसके मां व चंदेश सिंह को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिये जाने के बाद दोनों इसका उपाय ढूढ़ने लगे. चंदेश ने पुलिस को बताया कि धर्मशीला ने फोन कर उससे खुद कहा कि इसका कुछ उपाय करो. इसके बाद चंदेश ने हत्या करने की योजना बना डाली. उधर, जमीन को लेकर धर्मशीला का दयाशंकर सिंह के परिवार से पहले से ही अनबन था. कई बार विवाद भी हुआ था. यह बात चंदेश सिंह भी जानता था. उसने मौके का लाभ उठा कर मनीष की हत्या की योजना में दयाशंकर सिंह को भी शामिल कर लिया. दोनों ने मिलकर 10 मई को गांव के बगल में नहर के किनारे मनीष की हत्या कर शव को झाड़ी में फेंक दिया.

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