Kanpur Weather AQI Today: शहर की हवा फिर हुई खतरनाक, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 210 के पार

Kanpur Weather AQI Today: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार कानपुर नगर का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 210 हो गया है. 13 नवंबर को यह 228 तक पहुंचा था. 201-300 तक ऑरेंज जोन में होता है, जिसे खतरनाक माना जाता है.

By Prabhat Khabar | November 23, 2023 12:16 PM

Kanpur Weather AQI Today: दिवाली के बाद शहर का प्रदूषण एक बार फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. यलो जोन से छलांग लगाकर ऑरेंज में पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार कानपुर नगर का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 210 हो गया है. 13 नवंबर को यह 228 तक पहुंचा था. 201-300 तक ऑरेंज जोन में होता है, जिसे खतरनाक माना जाता है. सांस लेने में परेशानी होती है. दिवाली बाद पहली बार शहर का एक्यूआई ऑरेंज जोन में गया है.

एनएसआई का एक्यूआई 240 तक पहुंचा

एनएसआई का एक्यूआई 240 तक पहुंच गया. सुबह की स्थिति बेहतर थी लेकिन सायंकाल तीन बजे तक स्थिति बिगड़ गई. यहां पीएम 2.5 यानी धूल और धुएं के बारीक कणों की संख्या 373 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (मानक 60) तक पहुंच गई. पीएम 10 की संख्या 371 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (मानक 100) तक पहुंच गई. कार्बन मोनो ऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 93 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक आ गई. नेहरू नगर सेंटर का एक्यूआई 205 रहा. पीएम 2.5 की अधिकतम संख्या 304 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई. यहां कार्बन मोनो ऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 103 और ओजोन की मात्रा 86 रही. किदवई नगर का एक्यूआई 188 और पीएम 2.5 की अधिकतम संख्या 306 रही.

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यहां जानें एक्यूआई का असर

0-50 अच्छा (खास प्रभाव नहीं)

51-100 संतोषजनक (संवेदनशील लोगों पर हल्का प्रभाव)

101-200 मध्यम (मॉडरेट) (हृदय के रोगियों को सांस लेने में दिक्कत)

201-300 खराब (सभी को सांस लेने में परेशानी)

नवंबर में एक्यूआई की स्थिति

13 नवंबर 228 एक्यूआई

14 नवंबर 188

15 नवंबर 148

16 नवंबर 144

17 नवंबर 136

18 नवंबर 131

19 नवंबर 127

20 नवंबर 134

21 नवंबर 143

22 नवंबर 210

सांस लेना हो गया मुहाल

सायंकाल से अचानक धुंध छा गई. सवेरे तक तेज हवाएं चल रही थीं, जिससे अधिक असर नहीं दिखा. लेकिन सायंकाल प्रदूषण के कारण धुंध बढ़ गई और अंधेरा छाने लगा. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. धूल-धुएं के गुबार मुसीबत बन गए.

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