झारखंड : स्थानीय और नियोजन नीति लागू करने की मांग को लेकर 1 अप्रैल को संताल परगना बंद की घोषणा, प्रशासन अलर्ट

खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति लागू करने की मांग को लेकर छात्र समन्वय समिति द्वारा एक अप्रैल को संताल परगना बंद की घोषणा की है. इस बंद का मूलवासी सदान मोर्चा ने भी समर्थन दिया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 31, 2023 7:54 PM

Jharkhand News: खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति लागू करने समेत छह सूत्री मांगों को लेकर एक अप्रैल, 2023 को संताल परगना बंद रखने की घोषणा की गयी है. दवा दुकानों को छोड़कर सभी संस्थान, बाजार और अन्य दुकानें बंद रखने की अपील की गयी है. संताल परगना बंद का समर्थन भी मिलने लगा है. रांची में मूलवासी सदान मोर्चा ने इस बंद का समर्थन किया है. मार्च के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पहले नियोजन नीति बने, उसके बाद ही कोई नियुक्ति हो.

छह सूत्री मांग

इधर, साहिबगंज में छात्र नेता मनोहर टुडू ने कहा कि सरकार के नियोजन नीति 60/40 का सभी छात्र पुरजोर विरोध कर रहे हैं. बंदी को सफल बनाने को लेकर छात्रों के बीच विचार-विमर्श हुआ. इसमें खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति को लागू करने, 40 और 60 नियोजन नीति का विरोध, तृतीय और चतुर्थ वर्गीय नौकरी में 90 फीसदी झारखंड वासियों के लिए सुरक्षित करने समेत छह सूत्री मांगें शामिल हैं.

Also Read: झारखंड : सरना सनातन धर्म की मिसाल है गुमला का हापामुनी मंडा मेला, 200 साल पुराना है इतिहास

मूलवासी सदान मोर्चा ने संताल परगना बंद को दिया समर्थन

दूसरी ओर, रांची में मूलवासी सदान मोर्चा की बैठक राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में खतियान आधारित नियोजन नीति बनाने एवं 60-40 की नीति को रद्द करने को लेकर एक अप्रैल को छात्र समन्वय समिति द्वारा संताल परगना बंद करने के मांग को मूलवासी सदान मोर्चा ने समर्थन देने की घोषणा की. बैठक में निर्णय लिया गया कि ओबीसी का आरक्षण दुमका में शून्य किये जाने के विरोध में ओबीसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा दुमका में चार अप्रैल को नुक्कड़ सभा व पांच को मशाल जुलूस निकाला जायेगा. मौके पर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि खतियान आधारित नियोजन नीति को लेकर लंबे समय से मोर्चा लड़ाई लड़ रहा है. इसी कड़ी के तहत संताल परगना बंद को समर्थन देने का निर्णय लिया गया है.

Next Article

Exit mobile version