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e-SIM क्या है? जानें रेगुलर सिम से कितना है अलग और इसके फायदे

अब एंड्रॉयड मोबाइल फोन में भी e-SIM का ऑप्शन मिलने लगा है, जो पहले सिर्फ Apple डिवाइस तक सीमित था. हालांकि, अभी हर स्मार्टफोन निर्माता ने यह सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है. आइए जानें, e-SIM और फिजिकल सिम कार्ड में क्या फर्क है, आपके लिए इनमें से कौन सा बेहतर साबित हो सकता है और e-SIM आखिर काम कैसे करता है.

e-SIM: Google 20 अगस्त को अपने नए Pixel डिवाइस पेश करने जा रहा है. इस बीच एक नए लीक में आगामी स्मार्टफोन्स में बड़े बदलाव देखने को मिल सकता है. टिप्स्टर इवान ब्लास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया है कि कंपनी Pixel 10, Pixel 10 Pro और Pixel 10 Pro XL से फिजिकल सिम कार्ड स्लॉट हटा सकती है. अब सवाल यह है की फिजिकल सिम कार्ड स्लॉट नहीं होगा तो उसकी जगह क्या होगा? 

खबर है कि तीनों स्मार्टफोन e-SIM टेक्नोलॉजी अपनाने जा रहे हैं, जिनमें दो एक्टिव e-SIM स्लॉट मिलेंगे. हालांकि, यह बदलाव फिलहाल सिर्फ अमेरिका तक सीमित हो सकता है और इससे सिम कार्ड बदलने की लचीलापन कम हो जाएगा, क्योंकि e-SIM प्रोसेस फिजिकल कार्ड की तुलना में ज्यादा समय लेने वाला होता है. दिलचस्प बात यह है कि ब्लास के मुताबिक Google Pixel 10 Pro Fold में अभी भी फिजिकल सिम स्लॉट बरकरार रहेगा.

आपको बता दें कि यह कोई नया कदम नहीं है, क्योंकि Apple पहले ही अमेरिका में iPhone 14 और 15 के e-SIM-ओनली मॉडल पेश कर चुका है. फिजिकल सिम स्लॉट हटाने से कंपनियां डिवाइस की वॉटर रेजिस्टेंस बढ़ा सकती हैं और अंदर अतिरिक्त कंपोनेंट्स के लिए जगह भी बना सकती हैं.

अब ऐसे में आपके अंदर भी यह सवाल आ रहा होगा की आखिर यह e-SIM क्या है? यह काम कैसे करता है? इसके क्या फायदे है? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानने  कोशिश करते हैं.

e-SIM क्या है?

e-SIM एक वर्चुअल सिम कार्ड है, जिसे मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच और टैबलेट जैसे डिवाइस में इस्तेमाल किया जाता है. यह फिजिकल सिम से अलग होता है और इसमें कार्ड निकलने और डालने की जरूरत नहीं पड़ती. टेलीकॉम कंपनियां इसे ओवर-द-एयर एक्टिवेट कर देती हैं. e-SIM में भी फिजिकल सिम के सभी फीचर्स मौजूद होते हैं. मोबाइल निर्माता कंपनियां हैंडसेट तैयार करते समय e-SIM को डिवाइस के हार्डवेयर में शामिल करती हैं, जिससे फोन में अतिरिक्त जगह बचती है और सिम ट्रे की जरूरत नहीं पड़ती. यह 4G और 5G नेटवर्क सपोर्ट करता है. भारत में जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियां e-SIM सर्विस प्रोवाइड कर रही हैं. 

e-SIM के फायदे

e-SIM के कई फायदे हैं. इसमें यूजर्स को टेलीकॉम ऑपरेटर बदलने के लिए फिजिकल सिम बदलने की जरूरत नहीं होती, जिससे मोबाइल नेटवर्क स्विच करना काफी आसान हो जाता है. एक e-SIM में एक समय में अधिकतम पांच वर्चुअल सिम कार्ड स्टोर किए जा सकते हैं. यानी अगर किसी नेटवर्क का सिग्नल कमजोर हो, तो तुरंत दूसरा नेटवर्क चुना जा सकता है. ट्रेवल के समय भी नेटवर्क बदलना सुविधाजनक रहता है. सिम ट्रे की जरूरत खत्म होने से कंपनियां बैटरी का साइज बढ़ा सकते हैं. फिलहाल भारत में ऐपल, सैमसंग, गूगल और मोटोरोला समेत कई ब्रांड के स्मार्टफोन e-SIM सपोर्ट के साथ उपलब्ध हैं.

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Ankit Anand
Ankit Anand
अंकित आनंद ने GGSIP यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में ग्रेजुएशन की है. वर्तमान में, वह प्रभात खबर.कॉम में टेक और वायरल सेक्शन की खबरें कवर करते हैं. प्रभात खबर में शामिल होने से पहले उन्होंने ZEE न्यूज़ में असिस्टेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है. इन्हें लाइफस्टाइल, ट्रैवल, स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स जैसे विषयों पर लिखने में रुचि है. इसके अलावा अंकित को नई चीजें सीखना, किताबे पढ़ना, फिल्में और क्रिकेट देखना पसंद है.

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