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Telecom Bill 2023: फर्जी सिम पर सख्ती, यूजर्स की सुरक्षा का ख्याल; जानें टेलीकॉम बिल में क्या है खास

Telecommunications Bill 2023 - लोकसभा में नया टेलीकॉम बिल 2023 पास हो गया है. इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. नये बिल के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करने को कहा गया है

Telecommunications Bill 2023 : देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाये गये दूरसंचार विधेयक, 2023 को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसमें प्रशासनिक तरीके से उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन का प्रस्ताव है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस विधेयक से दूरसंचार उपभोक्ताओं का संरक्षण होगा और कोई भी धोखाधड़ी से सिम प्राप्त नहीं कर सकेगा. विधेयक के अनुसार, यदि कोई अवैध रूप से दूरसंचार उपकरणों का उपयोग करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद की सजा सुनायी जा सकती है या दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं. दूरसंचार नेटवकर्क काो नुकसान पहुंचाने पर मुआवजे और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा.

नये टेलीकॉम बिल में क्या हैं प्रावधान ?

लोकसभा में नया टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया है. अब इस बिल को चर्चा के लिए राज्यसभा में भेज दिया गया है. इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. नये बिल के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों को उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करने को कहा गया है. यह बिल सरकार को इस बात की अनुमति देगा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क का टेक ओवर, मैनेजमेंट या उसे सस्पेंड कर सके. मतलब यह कि युद्ध जैसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर सरकार टेलीकॉम नेटवर्क पर मैसेजेज को इंटरसेप्ट कर सकेगी.

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किन बिल्स की जगह लेगा नया दूरसंचार बिल ?

नया दूरसंचार बिल 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को बदलेगा, जो टेलीकॉम सेक्टर को नियंत्रित करता है. इसके साथ ही, यह बिल द इंडियन वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933 और टेलीग्राफ वायर्स एक्ट 1950 की भी जगह लेगा. यह ट्राई एक्ट 1997 को भी संशोधित करेगा. भारत सरकार का नया बिल लाइसेंसिंग सिस्टम में भी बदलाव लायेगा. वर्तमान में, सर्विस प्रोवाइडर्स को विभिन्न प्रकार की सर्विसेज के लिए अलग-अलग लाइसेंस, परमिशन, अप्रूवल और रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. ऐसे 100 से अधिक लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन हैं जो टेलीकॉम डिपार्टमेंट जारी करता है. इन सबकी जगह अब एक आसान सा ऑथराइजेशन लेना होगा.

ग्राहक की सहमति लेकर ही भेज सकेंगे प्रमोशनल मैसेज

नये टेलीकॉम बिल के अनुसार, उपभोक्ता को गुड्स, सर्विसेज के लिए विज्ञापन और प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले उनकी सहमति लेना अनिवार्य किया गया है. नये बिल के अनुसार, टेलीकॉम सर्विसेज मुहैया करानेवाली कंपनी को एक ऑनलाइन मेकैनिज्म भी बनाना होगा, जिससे यूजर्स अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकें.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए rajeev.kumar@prabhatkhabar.in पर

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