सबसे तेज यात्री विमान होगा स्पेसलाइनर

जर्मन एयरोस्पेस सेंटर (डीएलआर) एक ऐसा सबऑर्बिटल यात्री विमान बना रही है, जिसकी रफ्तार ध्वनि से भी 20 गुणा तेज होगी. डीएलआर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर 33 अरब डॉलर का खर्च आयेगा. 2030 तक हाइपरसोनिक यात्री विमान बन कर तैयार होने का अनुमान है. यह स्पेसलाइनर 100 यात्रियों को लेकर मात्र 90 मिनट में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 22, 2015 5:33 AM
जर्मन एयरोस्पेस सेंटर (डीएलआर) एक ऐसा सबऑर्बिटल यात्री विमान बना रही है, जिसकी रफ्तार ध्वनि से भी 20 गुणा तेज होगी. डीएलआर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर 33 अरब डॉलर का खर्च आयेगा. 2030 तक हाइपरसोनिक यात्री विमान बन कर तैयार होने का अनुमान है. यह स्पेसलाइनर 100 यात्रियों को लेकर मात्र 90 मिनट में यूरोप से ऑस्ट्रेलिया पहुंच सकता है. इसके उड़ान के लिए रीयूजेबल लॉन्च वीहिकल का प्रयोग होगा, जिसका उपयोग रॉकेट लॉन्चिंग में होता है.
अंतरिक्ष यान की तरह प्रक्षेपण
डीएलआर ने 2007 में ही इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कुछ कारणों से काम बंद कर दिया गया. अब संस्था दोबारा इसके निर्माण में लग गयी है. इस यात्री विमान का निर्माण हो जाने से यूरोप से अमेरिका का सफर केवल 60 मिनट में संभव हो सकेगा. यह देखने में अंतरिक्ष यान जैसा ही होगा. इसका एक भाग ऑर्बिटर का बना होगा, जिसमें यात्री बैठेंगे. दूसरा भाग एक बूस्टर स्टेज इंजन होगा, जिसमें इको फ्रेंडली ईंधन का इस्तेमाल होगा. ईंधन के रूप में तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जायेगा. विमान की शुरुआती उड़ान भी अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण की तरह होगी. 10 मिनट में ही यह ध्वनि से 20 गुणा ज्यादा रफ्तार पकड़ लेगा. 80 किमी की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद रीयूजेबल वीहिकल इससे अलग हो जायेगा.
विमान में लगे होंगे 11 इंजन
इस विमान की लंबाई 83.5 मीटर है. यह स्पेसलाइनर सात किलोमीटर प्रति सेकेंड की अधिकतम रफ्तार से उड़ पाने में सक्षम होगी, इस हिसाब से यह प्रति घंटे में 25 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर सकती है. हालांकि इसकी अधिकतम रेंज 18 हजार किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट के पैसेंजर विमान में 2 तथा बूस्टर विमान में 9 इंजन लगे होंगे.
एक दिन में भरेगा 15 उड़ान
इस स्पेसलाइनर प्रोजेक्ट के प्रमुख के मुताबिक यह विमान एक घंटे में एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की यात्रा करने में सक्षम होगा. इस विमान के तैयार हो जाने से लोगों के समय की काफी बचत होगी.
इसकी यात्रा काफी रोमांचक होगी. हालांकि प्रोजेक्ट हेड के अनुसार इस प्रोजेक्ट केमहंगे होने की वजह से यात्रियों को महंगा टिकट खरीदना होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि यह स्पेसलाइनर एक दिन में 15 उड़ानों को अंजाम देगा. अगर ऐसा होता है, तो यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सर्वाधिक संख्या होगी. इस परियोजना में यूरोपियन यूनियन, जर्मन एयरोस्पेस सेंटर-डीएलआर को सहयोग दे रही है.

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