फेसबुक ने मिलाया कस्पेर्स्की से हाथ

सोशल नेटवर्किंग फेसबुक ने कंप्यूटर से सुरक्षा सॉफ्टवेयर फर्म कैसपर्सकी के साथ भागीदारी की है. अपने उपयोगकर्ताओं को मालवेयर का पता लगाने में मदद करने के लिए फेसबुक ने ऐसा कदम उठाया. कंप्यूटर वायरस, वर्म्स, ट्रोजन हॉर्सेज, स्पाईवेयर, एडवेयर और अन्य दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम का उल्लेख ‘मालवेयर’ शब्द से किया जाता है.फेसबुक ने कहा कि पिछले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 26, 2015 2:18 PM

सोशल नेटवर्किंग फेसबुक ने कंप्यूटर से सुरक्षा सॉफ्टवेयर फर्म कैसपर्सकी के साथ भागीदारी की है. अपने उपयोगकर्ताओं को मालवेयर का पता लगाने में मदद करने के लिए फेसबुक ने ऐसा कदम उठाया.

कंप्यूटर वायरस, वर्म्स, ट्रोजन हॉर्सेज, स्पाईवेयर, एडवेयर और अन्य दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम का उल्लेख ‘मालवेयर’ शब्द से किया जाता है.फेसबुक ने कहा कि पिछले एक साल से अपने उपयोगकर्ताओं को मुफ्त मैलवेयर क्लीन-अप सॉफ्टवेयर प्रदान करने के लिए यह ईसेट, एफ-सिक्योर और ट्रेंड माइक्रो जैसा एंटी -मैलवेयर कंपनियों के साथ काम कर रहा है.

इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, लैब अपनी विशेषज्ञता को ला रहा है. फेसबुक के एक ब्लॉगपोस्ट के अनुसार अगर उन्हें आपके कंप्युटर पर मैलवेयर मिलता है, वे अपने अन्य क्लीन-अप उपकरणों के बीच फेसबुक के लिए कैसपर्सकी मैलवेयर स्कैन पेश करेंगे. लैब का दावा है कि पिछले तीन महीनों में, उन्होने 2.6 लाख से अधिक लोगों को मालवेयर के प्रभाव से सुरक्षित किया है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर थ्रेट इंफ्रास्ट्रक्चर टीम ट्रेवोर पोटिंगेर का कहना है की एंटी वायरस कंपनियों को फेसबुक धन्यवाद करता है जिनके वजह से पिछले तीन सालों में उन्होंने २ मिलियन लोगो को मालवेयर से बचाया है.
कस्पेर्स्की के केट कोचेत्कोवा का कहना है की फेसबुक की नोटिफिकेशन्स सारे ‘फिसर’ का प्रमुख लक्ष है. इस नेटवर्क से प्राप्त हुए ई-मेल नकली भी हो सकती है. बहुत से ट्रोजोन फेसबुक उपयोगकर्ताओं को लक्षित कर रहे हैं.

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