भारतीय बना रहे हैं व्हॉट्सएप से दूरी, जानें क्‍या है कारण

भारतीय पत्रकारों और एक्टिविस्टों के व्हॉट्सएप में सेंधमारी के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि लोग व्हॉट्सएप से दूरी बना रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग ‘सिग्नल’ और ‘टेलीग्राम’ का रुख कर रहे हैं. व्हॉट्सएप की तरह सिग्नल और टेलीग्राम भी एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की सुविधा देते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 7, 2019 12:46 AM
भारतीय पत्रकारों और एक्टिविस्टों के व्हॉट्सएप में सेंधमारी के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि लोग व्हॉट्सएप से दूरी बना रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग ‘सिग्नल’ और ‘टेलीग्राम’ का रुख कर रहे हैं.
व्हॉट्सएप की तरह सिग्नल और टेलीग्राम भी एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की सुविधा देते हैं. टेलीग्राम के संस्थापक पावेल दुरोव के अनुसार, एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फीचर के बावजूद व्हॉट्सएप को सर्विलांस पर ओपन किया जा सकता है. वहीं सिग्नल जैसे मैसेजिंग प्लेटफार्म को कई प्रभावी लोगों ने सुरक्षा के लिहाज से बेहतर माना है, जिसमें विश्व प्रसिद्ध व्हिसिल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन भी शामिल है.
बेहतर सुविधाओं के साथ आ रहे हैं नये एप
नये मैसेजिंग एप में सुरक्षा जुड़े महत्वपूर्ण फीचर्स हैं. यहां तक कि सिग्नल द्वारा विकसित किया गया एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल व्हॉट्सएप और फेसबुक मैसेंजर द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है. सिग्नल एक ओपन सोर्स प्रोजेक्ट है, जो ग्रांट और डोनेशन से चलता है. करीब चार पहले लांच की गयी इसकी मैसेजिंग सर्विस एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध है. इसमें टेक्स्ट, डॉक्यूमेंट, पिक्चर मैसेज, वॉयस और वीडियो कॉल की जा सकती है. यह डेस्कटॉप के लिए उपलब्ध है.
40 करोड़ से अधिक भारतीय मासिक एक्टिव यूजर हैं व्हॉट्सएप के 20 करोड़ यूजर्स थे व्हॉट्सएप के दो साल पहले तक. बीते 24 महीनों में यूजर्स की संख्या में हुई दोगुनी बढ़ोतरी 150 करोड़ व्हॉट्सएप यूजर्स हैं विश्वभर में.

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