Chandrayaan 2: कामयाबी की एक और सीढ़ी चढ़ा ISRO, सफलतापूर्वक Orbiter से अलग हुआ Lander Vikram

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो, ISRO) ने अपने मून मिशन में सफलता की एक नयी सीढ़ी चढ़ ली है. इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने सोमवार, दो सितंबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर चंद्रयान 2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम (Lander Vikram) को सफलतापूर्वक अलग करा दिया. अब तय कार्यक्रम के अनुसार, ‘विक्रम’ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2019 4:13 PM

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो, ISRO) ने अपने मून मिशन में सफलता की एक नयी सीढ़ी चढ़ ली है. इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने सोमवार, दो सितंबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर चंद्रयान 2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम (Lander Vikram) को सफलतापूर्वक अलग करा दिया. अब तय कार्यक्रम के अनुसार, ‘विक्रम’ सात सितंबर को अहले सुबह डेढ़ बजे सेदो बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर लैंड कर जाएगा.

इसरो ने ट्वीट करके बताया कि लैंडर ‘विक्रम’ इस समय चंद्रमा की 119km x 127km कक्षा में चक्‍कर लगा रहा है. वहीं, चंद्रयान 2 का आॅर्बिटर उसी कक्षा में चक्‍कर लगा रहा है, जिसमें वह रविवार को दाखिल हुआ था.

इससे पहले, इसरो के वैज्ञानिकों ने रविवार को शाम छह बजकर 21 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान की कक्षा में बदलाव किया था. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद से यान के पथ में यह पांचवां व अंतिम बदलाव था. अब चंद्रयान चांद से महज 109 किलोमीटर दूर रह गया है.

इसरो के वैज्ञानिकों की मानें, तो दो सितंबर को होने वाला सेपरेशन काफी तेज था. यह उतनी ही गति से अलग हुआ जितनी गति से कोई सेटेलाइट लॉन्‍चर रॉकेट से अलग होता है. इंटिग्रेटेड स्पेसक्राफ्ट को अलग-अलग करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने धरती से कमांड दिया, जिसके बाद ऑनबोर्ड सिस्टम इसे एग्जिक्यूट किया गया. ऑर्बिटर लगभग सालभर चांद की परिक्रमा करते हुए विभिन्न प्रयोगों को अंजाम देगा.

इसरो वैज्ञानिकों केअनुसार, चांद पर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिंग बेहद चुनौतीपूर्ण होगी. सात सितंबर को रोवर प्रज्ञान के साथ लैंडर चांद पर कदम रखेगा. चांद पर उतरने के बाद रोवर भी लैंडर से अलग हो जाएगा. लैंडर के साथ रोवर प्रज्ञान की लैंडिंग इसरो के लिए इस कारण से भी बड़ी चुनौती है क्योंकि इसरो ने अब तक ऐसा प्रयोग नहीं किया है.

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