Research: मनुष्यों से बेहतर संवाद के लिए कुत्तों ने सीख लिया है भौंहें मटकाना

लंदन : सबसे वफादार पालतू पशु माने जाने वाले कुत्तों ने अपने चेहरे की मांसपेशियों को मनुष्यों के अनुसार ढाल लिया है ताकि वे उनसे संवाद करने के लिए अपनी भौंहें ऊपर-नीचे कर सकें. ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल अकेडमी ऑफ साइसेंस’ (पीएनएएस) में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. इस अध्ययन में कुत्तों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 18, 2019 10:59 PM

लंदन : सबसे वफादार पालतू पशु माने जाने वाले कुत्तों ने अपने चेहरे की मांसपेशियों को मनुष्यों के अनुसार ढाल लिया है ताकि वे उनसे संवाद करने के लिए अपनी भौंहें ऊपर-नीचे कर सकें.

‘प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल अकेडमी ऑफ साइसेंस’ (पीएनएएस) में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. इस अध्ययन में कुत्तों एवं भेड़ियों की शारीरिक बनावट एवं व्यवहार की तुलना का विस्तृत विश्लेषण किया गया है.

ब्रिटेन में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ’ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि दोनों प्रजातियों की आंखों को छोड़कर उनके चेहरों की मांसपेशियों की बनावट समान है.

कुत्तों की एक छोटी मांसपेशी है जिसकी मदद से वे अपनी भौंहों के अंदर के हिस्से को ऊपर उठा सकते हैं जो भेड़ियों के बस की बात नहीं है.

अनुसंधानकर्ताओं की टीम का मानना है कि कुत्तों का इस तरह भौंहे उठाना मुनष्यों को भाता है क्योंकि इससे उनकी आंखें बड़ी प्रतीत होती हैं, वे शिशुओं जैसी लगती हैं और उदास मनुष्य की भौंहों से मेल खाती हैं.

‘यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ’ की जुलियाने कामिन्स्की ने बताया कि इस बात के सबूत मिले हैं कि कुत्तों ने भौंहों के अंदरूनी हिस्सों को उठाने के लिए पिछले हजारों वर्षों में एक खास मांसपेशी विकसित की है.

उन्होंने कहा, हमने कुत्तों और भेड़ियों के व्यवहार का भी अध्ययन किया है, जब दोनों को दो मिनट के लिए मनुष्य के पास रखा गया तो कुत्तों ने अपनी भौंहों के अंदरूनी हिस्सों को भेड़ियों की तुलना में अधिक जल्दी मटकाया.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जब कुत्ते इस प्रकार भौंहें हिलाते हैं तो मनुष्यों में उनकी देखभाल करने की प्रबल इच्छा पैदा होती हैं. कामिन्स्की के पहले किए अनुसंधानों में यह भी सामने आया है कि कुत्ते उस समय ज्यादा भौंहे मटकाते हैं जब मनुष्य उनकी ओर देख रहे होते हैं.

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