इनके एप से हिंदी में हो सकेगी ऑनलाइन बिलिंग

पटना : फर्ज कीजिए आपको अपने मोबाइल या पीसी से सिनेमा का टिकट बुक करना है या किसी चीज के बिल का भुगतान करना है. इसके लिए अाप संबंधित विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन कर अपने काम को पूरा करते हैं, लेकिन वहां की भाषा अंग्रेजी होने के कारण हो सकता है आपको कुछ समझ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2019 10:05 AM

पटना : फर्ज कीजिए आपको अपने मोबाइल या पीसी से सिनेमा का टिकट बुक करना है या किसी चीज के बिल का भुगतान करना है. इसके लिए अाप संबंधित विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन कर अपने काम को पूरा करते हैं, लेकिन वहां की भाषा अंग्रेजी होने के कारण हो सकता है आपको कुछ समझ में न आये. ऐसे में कई बार आप अपने काम को अधूरा छोड़ देते हैं. ऐसे में अगर कोई स्टार्टअप हिंदी भाषा में आपको हेल्प करें तो जाहिर है खुशी होगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित निकी डॉट एआइ (Niki.ai) एक ऐसा ही स्टार्टअप एप है. जिसकी मदद से आप हिंदी और अंग्रेजी भाषा में काम कर सकते हैं. इस स्टार्टअप की स्थापना मई 2015 में आइआइटी खड़गपुर से स्नातक करने वाले चार छात्रों नितिन बाबेल, शिशिर मोदी, केशव प्रवासी व सचिन जायसवाल ने की थी. इसमें केशव प्रवासी व शिशिर मोदी पटना से हैं.

लाखों लोग कर चुके हैं इंस्टॉल

नितिन बताते हैं, इस स्टार्टअप को शुरू करने से पहले हम चारों अलग-अलग जगहों पर जॉब कर रहे थे. हमने अपनी जॉब को छोड़कर इसे शुरू किया. जिसका उद्देश्य कुछ नया करना था. इसकी शुरुआत हमने दो लाख रुपये से की और अाज हमारा सलाना टर्न ओवर करीब पांच करोड़ रुपये का है. बंगलुरु में हमारा हेड ऑफिस है जहां पर 75 लोगों की टीम कार्य कर रही है. अभी तक करीब 30 लाख लोग इस एप को इंस्टॉल कर चुके हैं.

स्टार्टअप में है वॉयस सॉल्यूशन

स्टार्टअप के बारे में जानकारी देते हुए नितिन बताते हैं. Niki में हमने हिंदी और वॉयस सॉल्यूशन तैयार किया है जो यूजर्स को रिचार्ज, बिलों के भुगतान, सिनेमा की टिकटों की बुकिंग आदि संबंधी लेन-देन करने में काफी हेल्प करता है.

लगेगा सर्विस चार्ज

इस एप को इंस्टॉल करने वाले यूजर्स जिस सर्विस का यूज करेंगे. उन्हें केवल उसी के लिए पैसे देने होंगे. इसमें पेमेंट के भी कई ऑप्शन दिये गये हैं. सर्विस प्रोवाइड करने वाली करीब 50 कंपनियों से इसका टाइअप किया गया है.

क्या है मशीन लर्निंग
मशीन लर्निंग एक प्रकार का एल्गोरिथम है जो किसी सॉफ्टवेयर को सही रूप से चलाने में मदद करता है. इसके लिए वह यूजर द्वारा देखे गये कुछ परिणामों के आधार पर एक नमूना तैयार करता है और उस नमूने के आधार पर पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न को तैयार कर लेता है. इस प्रकार कम्प्यूटर मानव मस्तिष्क की तरह सोचने और कार्य करने की क्षमता प्राप्त कर लेते हैं जिसमें समय के साथ हमेशा विकास होता रहता है.

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