ममता दीदी आज तक नहीं हारीं विधानसभा चुनाव, क्या नंदीग्राम में मिलेगा धोखा?

Bengal Election Results 2021: पश्चिम बंगाल चुनाव का रिजल्ट रविवार को निकलने शुरू हो गए हैं. शुरुआती रूझानों में टीएमसी को बहुमत मिलता दिख रहा है तो बीजेपी भी सौ सीटों के पार जा चुकी है. पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नजर हॉटसीट नंदीग्राम पर देखने को मिल रही है. हर कोई नंदीग्राम सीट के रिजल्ट को जानने को बेताब है. दोपहर 11 बजे तक की अपडेट के मुताबिक टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से 8,000 से ज्यादा वोटों से पीछे चल रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2021 11:38 AM

Bengal Election Results 2021: पश्चिम बंगाल चुनाव का रिजल्ट रविवार को निकलने शुरू हो गए हैं. शुरुआती रूझानों में टीएमसी को बहुमत मिलता दिख रहा है तो बीजेपी भी सौ सीटों के पार जा चुकी है. पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नजर हॉटसीट नंदीग्राम पर देखने को मिल रही है. हर कोई नंदीग्राम सीट के रिजल्ट को जानने को बेताब है. दोपहर 11 बजे तक की अपडेट के मुताबिक टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से 8,000 से ज्यादा वोटों से पीछे चल रही हैं.

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महारानी ममता का सेनापति शुभेंदु अधिकारी से मुकाबला

नंदीग्राम सीट से टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चुनावी मैदान में हैं. दूसरी तरफ उनसे बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी मुकाबला कर रहे हैं. एक दौर था जब शुभेंदु अधिकारी को ममता बनर्जी का सेनापति कहा जाता था. आज वही शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी को चैलेंज कर रहे हैं. जबकि, लेफ्ट की प्रत्याशी मीनाक्षी मुखर्जी भी मैदान में हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम की सीट से टीएमसी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. इस बार उन्होंने ममता बनर्जी को 50,000 से ज्यादा वोटों से हराने का दावा किया था.

पश्चिम बंगाल का फैसला – 286/292

  • टीएमसी: 167 (-37)

  • बीजेपी: 113 (+109)

  • लेफ्ट: 02 (-73)

  • अन्य: 04 (00)

(सुबह 11.00 बजे तक)

*कुल सीट- 294, कुल सीटों पर वोटिंग- 292

शुभेंदु का 50,000 से ज्यादा वोट से हराने का दावा

नंदीग्राम के किसान आंदोलन को समर्थन देकर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने खुद को नेशनल लीडर के रूप में दिल्ली की राजनीति में भी प्रोजेक्ट करने में सफलता पाई थी. इसी नंदीग्राम में नामांकन के बाद ममता बनर्जी को चोट लगी और उन्होंने एक महीने तक व्हीलचेयर पर बैठकर प्रचार किया. इसी नंदीग्राम की वजह ममता बनर्जी ने तीन दशकों से ज्यादा पुराने लेफ्ट के शासन को उखाड़ने में सफलता पाई थी. ध्यान देने वाली बात यह है शुभेंदु अधिकारी कई बार दावा कर चुके हैं कि वो नंदीग्राम की सीट से 50 हजार से ज्यादा वोट से जीत रहे हैं.

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1989 में लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं ममता बनर्जी

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने करियर में महज एक बार कोई चुनाव हारी हैं. भवानीपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुकीं ममता बनर्जी ने इस बार के चुनाव में नंदीग्राम का रूख किया है. ममता बनर्जी को साल 1989 के लोकसभा चुनाव में जादवपुर सीट से माकपा की पूर्व सांसद प्रोफेसर मालिनी भट्टाचार्य हरा चुकी हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि ममता बनर्जी ने साल 1984 में दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर लोकसभा में प्रवेश किया था. उसके बाद लगातार वो राजनीति में नए मुकाम गढ़ती रही हैं. इस बार नंदीग्राम में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी के बीच चुनावी के साथ प्रतिष्ठा की लड़ाई भी है.

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