एनआरसी के डर से नगर निगम में बढ़ रही जन्म प्रमाणपत्र लेने की भीड़

कोलकाता : जन्म प्रमाणपत्र लेने के लिए कोलकाता नगर निगम में खासी भीड़ हो रही है. प्रमाणपत्र लेने की लाइन में लगनेवाले अधिकांश अल्पसंख्यक हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आश्वासन के बावजूद उनका डर कम नहीं हो रहा. निगम के सूत्रों के मुताबिक दो महीने पहले तक रोजाना औसतन 100 जन्म प्रमाणपत्र का फॉर्म निगम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2020 2:37 AM

कोलकाता : जन्म प्रमाणपत्र लेने के लिए कोलकाता नगर निगम में खासी भीड़ हो रही है. प्रमाणपत्र लेने की लाइन में लगनेवाले अधिकांश अल्पसंख्यक हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आश्वासन के बावजूद उनका डर कम नहीं हो रहा. निगम के सूत्रों के मुताबिक दो महीने पहले तक रोजाना औसतन 100 जन्म प्रमाणपत्र का फॉर्म निगम कार्यालय से दिया जाता था. मांग अधिक होने पर इसे 200 करने का फैसला लिया गया है. आगामी 15 फरवरी से इसे चालू किया जायेगा.

निगम आयुक्त खलील अहमद ने इस संबंध में निर्देश दिया है. यह केवल निगम कार्यालय ही नहीं, बल्कि सभी बोरो कार्यालय से भी दिया जायेगा. बोरो कार्यालयों को स्पष्ट किया गया है कि जन्म प्रमाणपत्र देने में विलंब न किया जाये. इस बाबत किसी तरह की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. निगम के मुताबिक जन्म के 21 दिनों के भीतर बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र लेने जो आ रहे हैं, उनका सामान्य रजिस्ट्रेशन हो रहा है.

लेकिन लंबे अरसे के बाद अगर कोई प्रमाणपत्र लेने आता है, तो उन्हें उपयुक्त प्रमाण के साथ आवेदन करना पड़ रहा है. निगम कर्मचारी प्रमाण की जांच करते हैं. इसमें विलंब लगता है. प्रमाणपत्र लेने पहुंचे कई लोगों का कहना है कि सीएए लागू हो चुका है. यह कानून बन चुका है.

मुख्यमंत्री चाहें जितना भी कहें कि सीएए लागू नहीं होगा, उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है. कल को यदि कोई कागजात देखना चाहे, तो वह कहां से दिखायेंगे. इसलिए पहले से वह सबकुछ इकट्ठा करके रख रहे हैं. निगम के एक कर्मचारी के मुताबिक जब से सीएए लागू हुआ है, भीड़ में खासी वृद्धि हुई है. कर्मचारियों की संख्या कम होने से भीड़ को संभालने में दिक्कत हो रही है.

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