Polio Virus in Bengal: 11 साल बाद बंगाल में पोलियो का जीवाणु मिलने से हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

Polio Virus in Bengal: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मटियाबुर्ज में पोलियो का वायरस मिलने से हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. डॉक्टरों को विशेष निर्देश दिये गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2022 8:41 PM

Polio Virus in Bengal: ग्यारह वर्षों बाद पश्चिम बंगाल में पोलियो का जीवाणु पाया गया है. कोलकाता के मटियाबुर्ज में एक नाले से पोलियो का जीवाणु पाया गया है. इससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गयी है. घटना के मद्देनजर बच्चों के स्वास्थ्य की विशेष निगरानी के निर्देश दिये गये हैं.

मटियाबुर्ज के नाले में मिले पोलियो के जीवाणु

कुछ दिन पहले मटियाबुर्ज में एक नाले से नमूने लिये गये थे. उसी में पोलियो का वायरस पाया गया. तीन दिन पूर्व इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की एक आपात बैठक भी हुई. बैठक में पोलियो के वायरस को लेकर चर्चा हुई. इसके बाद उन बच्चों की विशेष निगरानी का निर्देश दिया गया, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है.

पोलियो टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने यह निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई शिशु चिकित्सक के पास पेट की गड़बड़ी की शिकायत लेकर पहुंचता है, तो उसकी चिकित्सा में विशेष गंभीरता बरतनी होगी. पोलियो का प्राथमिक लक्षण पेट की गड़बड़ी है. इसके अलावा पोलियो टीकाकरण अभियान में भी तेजी लाने की बात कही गयी है. मटियाबुर्ज इलाके में खुले में शौच पर भी पाबंदी लगायी गयी है. इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारी घर-घर जाकर पोलियो टीकाकरण का महत्व भी समझायेंगे.

11 साल पहले हावड़ा में एक बच्ची में मिला था पोलियो का जीवाणु

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में हावड़ा में रहने वाली एक बच्ची में आखिरी बार पोलियो का जीवाणु पाया गया था. इसके बाद वर्ष 2014 में 27 मार्च को भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया था. हालांकि, 11 वर्ष बाद कोलकाता में फिर से पोलियो का जीवाणु मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग चिंतित है.

केएमसी के उप मेयर अतिन घोष ने कही ये बात

कोलकाता नगर निगम के उप मेयर अतिन घोष ने कहा कि वार्ड 139 से 141 में पोलियो टीकाकरण घटा है. इलाके में टीकाकरण की जरूरत पर भी निगम की ओर से बल दिया गया है. इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाया गया है. हालांकि, पोलियो टाइप-1 का जो जीवाणु पाया गया है, देखना होगा कि उसका स्रोत क्या है. इसके लिए वार्डों में प्रचार किया जायेगा और देखा जायेगा कि कोई बच्चा इससे पीड़ित तो नहीं है. उन्होंने कहा कि निगम इस संबंध में लगातार निगरानी करता रहा है. इसलिए यह पकड़ में आया है.

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