अमेरिका की शुल्क वृद्धि भाजपा की कूटनीतिक विफलता
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाये जाने को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला.
अभिषेक का आरोप
केंद्र से जवाब-तलब करते हुए बोले सांसद, ‘आइटी, कपड़ा और औषधि क्षेत्रों में पड़ेगा सीधा
असर
’ संवाददाता, कोलकातातृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाये जाने को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने इस निर्णय को ‘कूटनीतिक विफलता’ करार देते हुए भाजपा की विदेश नीति को जिम्मेदार ठहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से जवाब मांगा. नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को यह बताना चाहिए कि इतना अधिक शुल्क क्यों लगाया गया. सवाल उन लोगों से पूछे जाने चाहिए जो (अमेरिकी राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रंप के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं और उनके लिए प्रचार करते हैं. यह शुल्क भारत की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा.’’ ‘भारत को दिखायी जा रही है लाल आंख’, बोले बनर्जी: अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कभी ””””56 इंच के सीने”””” का दावा करने वाली सरकार को अब दूसरे देश ””””लाल आंखें”””” दिखा रहे हैं. ‘‘मैं एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पांच देशों में गया था. लेकिन कुल 11 देशों ने भी हालिया पहलगाम हमले की निंदा नहीं की. जो लोग ट्रंप के प्रचार में लगे थे, वही अब बता सकते हैं कि अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क क्यों लगाया.’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और न ही तृणमूल कांग्रेस ने कभी ट्रंप के पक्ष में कोई पैरवी की. ‘‘यह पूरी तरह से केंद्र की विदेश नीति की विफलता है. अमेरिका ने भारत पर इतना बड़ा शुल्क क्यों लगाया, इसका जवाब मोदी सरकार को देना होगा. क्या यही वह ””””विश्वगुरु”””” की छवि है, जिसे प्रस्तुत किया जा रहा है?’’ अभिषेक ने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप का यह कहना कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृत हो चुकी है, भले ही अस्वीकार्य हो, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था की हालत गंभीर है.’’तीन प्रमुख क्षेत्र होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित
डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने कहा कि इस शुल्क वृद्धि से तीन प्रमुख क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे आइटी, औषधि और कपड़ा उद्योग. ‘‘इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में गिरावट आयेगी. निर्यात घटेगा और इसका सीधा असर लाखों नौकरियों पर पड़ेगा. पिछले 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था बद से बदतर होती गयी है और अब यह आइसीयू में पहुंच गई है. इसका कारण भारत सरकार की असफल विदेश नीति है.’’ गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इसके बाद बुधवार को भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क और लगाया गया. इस तरह भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लग चुका है, जो अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाये गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है.‘पीओके वापस लेने की हिम्मत दिखाये केंद्र’
राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर भाजपा की नीति पर सवाल उठाते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘2019 में पुलवामा हमला हुआ, फिर सरकार ने एयर स्ट्राइक की. अब पहलगाम हुआ तो फिर से हवाई हमले हुए. यह सिलसिला थमता नहीं. इसका एकमात्र स्थायी समाधान यह है कि भारत पीओके को वापस ले और पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दे.’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद में कहा था कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है. ‘‘तो फिर उसे वापस लेने से सरकार को कौन रोक रहा है? पूरा देश आपके साथ है. विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ा है. अब कार्रवाई का समय है.’’डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
