ममता ने पूछा- एसआइआर के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों?
मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को महानगर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर महारैली का नेतृत्व किया.
सीएम ने कहा- जरूरत पड़ी तो दिल्ली तक लड़ाई लेकर जायेगी तृणमूल
संवाददाता, कोलकातामुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को महानगर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर महारैली का नेतृत्व किया. बाद में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि बंगाल की मतदाता सूचियों से एक भी पात्र मतदाता को हटाया गया तो केंद्र में भाजपा नीत सरकार का गिरना तय है. मुख्यमंत्री ने एसआइआर को ‘चुपचाप, अदृश्य तरीके से धांधली’ बताया. उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग (इसीआइ) पर 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिए एसआइआर को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 2002 में हुए पिछले एसआइआर को पूरा होने में कम से कम दो साल लगे थे. उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस बार निर्वाचन आयोग इसे सिर्फ एक महीने में पूरा करने की ‘जल्दबाजी’ क्यों कर रहा है. सुश्री बनर्जी ने मौजूदा प्रक्रिया को ‘जल्दबाजी में और राजनीति से प्रेरित’ बताया. सुश्री बनर्जी ने कोलकाता के रेड रोड स्थित डॉ बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के पास से जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी तक एक विशाल एसआइआर विरोधी रैली का नेतृत्व किया. रैली रेड रोड, धर्मतला, सेंट्रल एवेन्यू होते हुए जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी तक गयी. रैली में बड़ी संख्या में तृणमूल समर्थक शामिल हुए.
सुश्री बनर्जी ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह भाजपा शासित राज्यों को छोड़ दे रहा है, जबकि विपक्ष शासित राज्यों में चुनिंदा रूप से पुनरीक्षण अभियान चला रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एसआइआर चला रहा है, लेकिन भाजपा शासित असम में (वह) ऐसा नहीं कर रहा है. इन चार राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ममता बनर्जी ने मांग की कि निर्वाचन आयोग को यह भी जवाब देना चाहिए कि भाजपा शासित असम, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में एसआइआर क्यों नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने इसे ‘केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की मदद करने के उद्देश्य से किया गया स्पष्ट भेदभाव’ बताया. सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआइआर का मतलब ‘चुपचाप, अदृश्य तरीके से धांधली’ है और भाजपा मतदाताओं में डर पैदा करने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है. तृणमूल प्रमुख ने सवाल किया कि हमें इस धरती पर जन्म लेने और पले-बढ़े होने के बाद भी क्या भाजपा के सामने अपनी नागरिकता साबित करनी होगी?’ रैली में उमड़ी भीड़ ने ममता बनर्जी के इस बयान का पुरजोर समर्थन किया.एसआइआर के बाद बिहार में कितने रोहिंग्या व बांग्लादेशी मिले
पश्चिम बंगाल में ‘अवैध मतदाता होने के’ भाजपा के बार-बार के दावे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआइआर के बाद बिहार में कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मिले. केंद्र सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ बांग्ला बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं बन जाता. उन्होंने भाजपा पर बंगालियों को बदनाम करने के लिए फर्जी एवं सांप्रदायिक दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. विरोध मार्च के दौरान मुख्यमंत्री के भतीजे और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी मौजूद थे. तृणमूल प्रमुख ने कहा कि जरूरत पड़ने पर तृणमूल कांग्रेस इस लड़ाई को दिल्ली तक ले जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
