23 वर्षों से बंद एमएएमसी हाइ स्कूल को खोलने की मुहिम
कभी शहर का सबसे नामी व प्रतिष्ठित विद्यालय रहा एमएएमसी हाइ स्कूल बीते 23 वर्षों से बंद पड़ा है.
दुर्गापुर. कभी शहर का सबसे नामी व प्रतिष्ठित विद्यालय रहा एमएएमसी हाइ स्कूल बीते 23 वर्षों से बंद पड़ा है. अब इस स्कूल को दोबारा खोलने के लिए पूर्व शिक्षक और पूर्व छात्रों ने संस्था ‘प्रचेष्टा’ के जरिये प्रयास तेज कर दिया है. संस्था के सदस्यों ने स्कूल खोलने की मांग को लेकर कोलकाता विकास भवन स्थित राज्य शिक्षा विभाग को आवेदन सौंपा है. साथ ही उसकी प्रतिलिपि पंचायत एवं ग्राम उन्नयन मंत्री प्रदीप मजूमदार और एडीडीए के चेयरमैन को भी भेजी गयी है. उल्लेख्य है कि केंद्र सरकार अनुमोदित माइनिंग एंड एलॉयज मशीनरी कार्पोरेशन (एमएएमसी) के कर्मचारियों के बच्चों के लिए 1970 के दशक में यह स्कूल सरकारी स्तर पर शुरू किया गया था. हिंदी और बांग्ला माध्यम में पढ़ाई कराने वाला यह विद्यालय उस समय पूरे शहर का सबसे प्रतिष्ठित हाई स्कूल माना जाता था. कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई होने वाले इस स्कूल में एमएएमसी कर्मचारियों के बच्चों के अलावा शहर के अन्य इलाकों से भी करीब तीन हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते थे. यहां से पढ़कर छात्र देशभर में विभिन्न नौकरियों में चयनित होते रहे हैं. स्कूल के पूर्व प्राचार्य शांतिमय कुंडू ने बताया कि वर्ष 2002 में एमएएमसी प्लांट बंद हो जाने के बाद विद्यालय पर भी ताला लग गया. सरकार के आदेश पर प्रतिष्ठित एमएएमसी हाई स्कूल बंद कर दिए जाने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हुआ और उन्हें विवश होकर अन्य इलाकों व शहरों के स्कूलों में दाखिला लेना पड़ा. कुछ वर्ष बाद राज्य सरकार ने विद्यालय परिसर के एक हिस्से में प्राथमिक स्कूल शुरू किया, जहां इलाके के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है.
बाद में स्कूल के पूर्व छात्र-शिक्षकों ने मिलकर ‘प्रचेष्टा’ संस्था का गठन किया और हर वर्ष विद्यालय में मिलन समारोह आयोजित करने लगे. बीते कुछ वर्षों से संस्था लगातार राज्य शिक्षा विभाग को बंद पड़े स्कूल को पुनः खोलने की अपील कर रही है. संस्था की ताज़ा पहल ने इस उम्मीद को एक बार फिर जीवित किया है कि कभी शहर का गौरव कहलाने वाला एमएएमसी हाई स्कूल फिर से शिक्षा का केंद्र बन सकेगा.
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