हर रोज आठ घंटे की पढ़ाई : रक्षा

-हर रोज कितने घंटे पढ़ाई की? रोज सुबह के समय चार से पांच घंटे पढ़ती थी. फिर स्कूल जाने के लिए तैयार होती थी. दोपहर बाद स्कूल से आकर कुछ देर आराम करना, शाम के वक्त थोड़ा बहुत खेलना और फिर अपनी पढ़ाई में जुट जाना. रोजाना औसतन छह से आठ घंटे पढ़ाई का ही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 29, 2017 9:14 AM
-हर रोज कितने घंटे पढ़ाई की?
रोज सुबह के समय चार से पांच घंटे पढ़ती थी. फिर स्कूल जाने के लिए तैयार होती थी. दोपहर बाद स्कूल से आकर कुछ देर आराम करना, शाम के वक्त थोड़ा बहुत खेलना और फिर अपनी पढ़ाई में जुट जाना. रोजाना औसतन छह से आठ घंटे पढ़ाई का ही यह नतीजा है. मैंने कड़ी मेहनत की और सभी विषयों पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन ना तो कल्पना की थी और ना ही मेरा लक्ष्य टॉप रैंक हासिल करना था
– कभी पढ़ाई को लेकर मां-पिता ने दबाव बनाया?
नहीं. न तो कभी पढ़ाई को लेकर दबाव बनाया, न ही किसी चीज की पाबंदी लगायी. जब कभी भी हॉलीडे का टूर बनाया, वे हमारे साथ गये. उनका मानना है कि अगर आप किसी काम को दबाव में कराते हैं, तो वह काम अच्छा होने के बजाय खराब हो जाता है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे मुझे पढ़ाई करने के लिए बोलते नहीं हैं. अभिभावकों को इस बात का दबाव नहीं बनाना चाहिए कि किसी विशेष विषय का चुनाव करें या स्टूडेंट्स हर समय कॉपी और किताब लेकर बैठे रहें.
– ट्यूशन की भी मदद ली?
नहीं. मैंने बिना ट्यूशन के यह कामयाबी पायी है. 12वीं की भी पढ़ाई बिना किसी ट्यूशन से की. हां, इसके लिए मैंने अपनी जिंदगी को अनुशासन में बांध कर रखा. सुबह जल्दी उठना और पढ़ाई में जुट जाना, यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा रहा है. चूंकि सुबह के समय दिमाग पूरी तरह से शांत रहता है. इसलिए मैं इस समय ज्यादा पढ़ाई का ध्यान देती हूं.
– क्या आर्ट्स के विषयों में भी समान मेहनत करनी होती है?
करियर के लिए सभी विषयों का समान महत्व है. किसी विषय को आसान नहीं समझना चाहिए. मैंने सभी विषयों की रोज एक से दो घंटे पढ़ाई की. इसलिए इतिहास में 99, राजनीति शास्त्र में 100, मनोविज्ञान में 99, अर्थशास्त्र में 100 व अंगरेजी में 100 अंक हासिल हुए.
आगे की योजना?
मैं लेडी श्रीराम कॉलेज, मिरांडा हाउस या जीजस ऐंड मैरी कॉलेज में से किसी एक में प्रवेश लेना चाहती हूं.
कामयाबी का श्रेय किसे?
मां रंजनी गोपाल के साथ-साथ पिता गोपाल श्रीवासन को. मेरे पिता गुजरात पेट्रोलियम कॉपोरेशन में सीएफओ हैं. बड़ी बहन प्रेरणा गोपाल को, जो बीएससी थर्ड ईयर में हैं. यह सफलता मेरी नहीं, बल्कि मां की है. मां हर एक चीज का विशेष ध्यान रखती हैं.
टॉपर्स के टिप्स
यह मेरी जिंदगी का सबसे खास लम्हा है, मैं बहुत खुश हूं. नियमित क्लास के अलावा घर पर पढ़ाई करना बहुत जरूरी है तभी परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल किये जा सकते हैं. हर विद्यार्थी को इसे समझना चाहिए.
भूमि सावंत, डीएवी चंडीगढ़, सेकंड टॉपर्स (99.4 फीसदी)
मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि अपनी फीलिंग को कैसे बयां करूं. यह एक सपने की तरह है. मैं एक अर्थशास्त्री बनना चाहता हूं. यह मायने नहीं रखता कि आप छह से आठ घंटे पढ़ाई करते हैं. बस इतना सोच लेना चाहिए कि जब भी हम पढ़ाई करें तो फिर हमारे और किताबों के बीच में कोई न आये.
आदित्य जैन, चंडीगढ़, सेकंड टॉपर्स (99.2 फीसदी)

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