हावड़ा के एक ही परिवार के सात लोगों की मौत

हावड़ा/बर्दवान/पानागढ़. बर्दवान सदर थाना अंतर्गत रथतला में नेशनल हाइवे दो पर बुधवार को डाउन लेन में अलकतरा लेकर जा रहा टैंकर अनियंत्रित होकर डिवाइडर क्रॉस कर अप लेन में एक कार से टकराते हुए उस पर ही पलट गया. हादसे में कार में सवार एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी. मृतकों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 23, 2017 8:34 AM
हावड़ा/बर्दवान/पानागढ़. बर्दवान सदर थाना अंतर्गत रथतला में नेशनल हाइवे दो पर बुधवार को डाउन लेन में अलकतरा लेकर जा रहा टैंकर अनियंत्रित होकर डिवाइडर क्रॉस कर अप लेन में एक कार से टकराते हुए उस पर ही पलट गया. हादसे में कार में सवार एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी. मृतकों में इस्टर्न सेंटल रेलवे मुख्यालय हाजीपुर में रेलवे सुरक्षा बल के कमांडेंट एसएन सिंह, उनकी पत्नी निर्मला सिंह, उनके पुत्र आरपीएफ इंस्पक्टर राजन कुमार, उनकी पत्नी रश्मी सिंह, राजन सिंह का इकलौता पुत्र अर्णव (06) व दो पुत्रियां रिया (13) व अनन्या (8) शामिल हैं.

इस दुर्घटना में एक परिवार की तीन पीढ़ियां समाप्त हो गयीं. राजन कुमार हावड़ा स्टेशन के न्यू कॉम्प्लेक्स में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. गोलाबाड़ी थाना के गुलमोहर कॉलोनी में इस घटना की खबर मिलते ही पूरा सन्नाटा पसरा है. यह घटना बुधवार सुबह नौ बजे उस समय घटी, जब पूरा परिवार नयी कार (स्विफ्ट डिजायर) से अपने पैतृक गांव भोजपुर जा रहा था. दुर्घटना के बाद अप लेन में वाहनों का आवागमन बाधित हो गया. बड़ी मुश्किल से शवों को वाहन से निकाला जा सका. बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम बंद रहने के कारण शवों का पोस्टमार्टम कटवा महकमा अस्पताल में कराया गया. इन शवों को विभूति एक्सप्रेस से पटना भेजा गया. मौके पर रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी सक्रिय थे.

कैसे घटी घटना : मृतकों के नजदीकी सूत्रों के अनुसार आरपीएफ कमांडेंट एसएन सिंह 31 मार्च को अपने पद से रिटायर होनेवाले थे. रिटायर होने के बाद वे अपने पैतृक गांव में शिप्ट होनेवाले थे. दो दिन पहले ही उन्होंने नयी कार (स्विफ्ट डिजायर) खरीदी थी. कोलकाता में पूजा करने के बाद पूरा परिवार उस कार से अपने पैतृक गांव जा रहा था. राजन कुमार के पिता शेष नाथ सिंह गाड़ी चला रहे थे. पूरे परिवार को लेकर वह सुबह 6.30 बजे घर से निकले. सुबह नौ बजे के करीब बर्दवान के पास कार अप लेन से जा रही थी. डाउन लेन में अलकतरा से भरा टैंकर तेज गति से जा रहा था. अचानक टैंकर के चालक ने नियंत्रण खो दिया तथा टैंकर डिवाइडर को क्रॉस कर अप लेन में आ गया. अप लेन में उसकी टक्कर कार से हो गयी. इसके बाद टैंकर कार पर पलट गया. टैंकर का चालक व खलासी भाग निकले. टैंकर में गरम पिच (अलकतरा) होने से कार में सवार सभी लोग उसकी चपेट में आ गये. चीख-पुकार सुन कर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन कार दब जाने की वजह से कोई कुछ भी नहीं कर सका. इसके बाद अप लेन में वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया.
घंटों चला बचाव कार्य : इस दुर्घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. बड़ा हादसा होने के कारण कोई भी पुलिसकर्मी या निवासी यात्रियों को निकाल नहीं पा रहा था. घटना के बाद समूचे सड़क पर अलकतरा फैल गया था. इस कारण बचाव कार्य में भी काफी परेशानी हो रही थी. दो घंटों की मशक्कत के बाद दमकलकर्मियों की मदद से क्रेन लगाकर टैंकर को कार से हटाया जा सका. तबतक कार के सभी लोगों की मौत हो चुकी थी. पुलिस ने मृतकों के पास से मिले परिचय पत्र से उनकी शिनाख्त की तथा इसकी सूचना रेलेव सुरक्षा बल के अधिकारियों को दी गयी. आरपीएफ के दर्जनों अधिकारी व कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे. परिवार के किसी सदस्य के जीवित न बचने के कारण पड़ोसी तथा दूर के रिश्तेदार ही घटनास्थल पर पहुंच सके.
कालना में किया गया पोस्टमार्टम
शवों को वाहन से निक ाले जाने के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए इन्हें बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा. लेकिन वहां पोस्टमार्टम घर के पुनरुद्धार के कारण उन शवों को पोस्टमार्टम के लिए कटवा महकमा अस्पताल भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद इन शवों को आरपीएफ के अधिकारियों के साथ उनके पैतृक गांव भोजपुर के लिए अप विभूति एक्सप्रेस से भेजा गया. इसके पहले आरपीएफ अधिकारियों और कर्मियों ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी. इस घटना से आरपीएफ में शोक का माहौल है. आरपीएफ एसोसिएशन ने इस पर गहरा दु:ख जताया है.

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