पिता की तरह बाथरूम में पार्थ दे ने किया आत्मदाह

वाटगंज में एक अपार्टमेंट के 11वें तल्ले पर फ्लैट में दी जान बाथरूम से आधा डिब्बा पेट्रोल व एक माचिस की डिबिया मिली 2015 के जून में रॉबिनशन स्ट्रीट में पिता ने भी इसी तरह दी थी जान कंकाल कांड के बाद पैबलब अस्पताल से जाकर कुछ दिन तक रहे थे मदर हाउस में कोलकाता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2017 8:54 AM
वाटगंज में एक अपार्टमेंट के 11वें तल्ले पर फ्लैट में दी जान
बाथरूम से आधा डिब्बा पेट्रोल व एक माचिस की डिबिया मिली
2015 के जून में रॉबिनशन स्ट्रीट में पिता ने भी इसी तरह दी थी जान
कंकाल कांड के बाद पैबलब अस्पताल से जाकर कुछ दिन तक रहे थे मदर हाउस में
कोलकाता : पार्क स्ट्रीट के रॉबिनशन स्ट्रीट में कंकाल कांड में सुरक्षित बचे एक मात्र व्यक्ति पार्थ दे ने मंगलवार को वाटगंज इलाका स्थित मर्लिन बेस्ट टावर अपार्टमेंट के 11वें तल्ले पर खुद के फ्लैट में शरीर पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली. फ्लैट के बाथरूम से दोपहर लगभग 12 बजे वाटगंज थाने की पुलिस ने उसका शव बरामद किया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. बाथरूम से एक डिब्बा भी जब्त किया गया है, जो आधा पेट्रोल से भरा हुआ था.
इसके अलावा माचिस की एक डिबिया भी वहां से मिली है. उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, इसके पीछे के कारण का पता लगाने की कोशिश हो रही है.
2015 में पिता ने भी ऐसे ही दी थी जान : पुलिस के मुताबिक वर्ष 2015 के 10 जून को पार्क स्ट्रीट इलाके के रॉबिनशन स्ट्रीट स्थित अपने घर में पार्थ के पिता अरविंद दे ने भी इसी तरह से खुद को बाथरूम में बंद कर शरीर में आग लगा ली थी. जानकारी पाकर शव को कब्जे में लेने शेक्सपीयर सरणी थाने की पुलिस घर पहुंची, तो बाथरुम के पास के कमरे में बहन देबजानी दे और दो कुत्तों का कंकाल तीन महीने से पड़ा होने का खुलासा हुआ. इसके बाद से इलाके में सनसनी फैल गयी थी.
कुछ लोग मौत पर पर उठा रहे सवाल : पार्थ की मौत पर कुछ लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि पार्थ के शरीर में आग लगाने के पहले ही हृदयाघात से उसकी मौत हो चुकी थी.
तो फिर उसके शरीर में आग कैसे लगी. उसकी मौत एक रहस्य व किसी की साजिश प्रतीत हो रही है. लिहाजा पुलिस गहरायी से जांच करे, तो इसके पीछे के कारण का पता चल सकेगा. वहीं इस मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (3) सह संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद था. लिहाजा प्राथमिक तौर पर कोई रहस्य नहीं मिल रहा है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के समय व असली कारण का पता चल सकेगा.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पार्थ दे ने रॉबिनशन स्ट्रीट की घटना के बाद उस प्रोपर्टी को बेच कर वाटगंज इलाका स्थित इस अपार्टमेंट में फ्लैट खरीद लिया था. इसके बाद से वह प्रदीप सरकार नामक एक केयरटेकर के साथ रह रहा था. प्रदीप ने सुबह लगभग 11.45 बजे वाटगंज थाने की पुलिस को इसकी खबर दी. उसने बताया कि सुबह नौ बजे पार्थ ने उसे एक काम से यादवपुर भेजा था. वह लगभग 11.45 बजे घर लौटा, तो फ्लैट का मुख्य दरवाजा हल्का सा अटकाया हुआ था. अंदर घुसने पर पार्थ कमरे में नहीं था. जांच के दौरान बाथरूम अंदर से बंद पाया. इसके बाद उसने पुलिस को इसकी खबर दी. पुलिस वहां पहुंची और बाथरूम का दरवाजा तोड़ कर अंदर गयी, तो पार्थ को झुलसे हालत में पाया. तत्काल एसएसकेएम अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत बताया. खबर पाकर डीसी (पोर्ट) सुदीप सरकार के साथ लालबाजार से होमेशाइड विभाग की टीम भी वहां पहुंची और स्थिति का जायजा लिया.
कंकाल कांड व पार्थ दे की गतिविधि पर एक नजर
वर्ष 2007 में कैंसर की बीमारी से ग्रसित पार्थ दे की मां आरती की मौत के बाद पार्थ व उसकी बहन देबजानी दे का पिता अरविंद दे के साथ बढ़ रही थीं दूरियां
अगस्त व सितंबर,2014 में पार्थ व देबजानी दे के दो पालतू कुत्ते की फ्लैट में हो गयी मौत
29 दिसंबर,2014 को देबजानी दे ने भी फ्लैट में अपना दम तोड़ दिया. इसके बाद दोनों कुत्ते व बहन देबजानी दे के शव को फ्लैट के कमरे में पार्थ ने संभाल कर रख दिया
10 जून,2015 को बेटी व दोनों कुत्ते की मौत काफी दिन पहले होने की खबर सुनकर पिता अरविंद दे ने फ्लैट के बाथरुम में कर लिया आत्मदाह
12 जून,2015 को पार्थ दे को पैबलब अस्पताल में पुलिस ने भरती कराया
17 जून, 2015 को अस्पताल के गेट में पत्रकारों से पार्थ ने कहा कि हमने अनुचित कुछ भी नहीं किया
12 सितंबर,2015 को पार्थ ने अदालत की इजाजत के बाद बहन देबजानी दे की अस्थि को गंगा में विसर्जित किया
30 सितंबर, 2015 को पैबलब अस्पताल से पार्थ दे को इलाज के बाद किया गया रिहा
30 सितंबर, 2015 को अस्पताल से रिहा होकर पार्थ दे कुछ दिन मदर हाउस में थे
फरवरी, 2016 में वाटगंज में फ्लैट खरीदकर पार्थ दे वहां केयरटेकर के साथ रहने लगे
21 फरवरी, 2017 को अपने फ्लैट में पार्थ दे ने खुद के शरीर में आग लगाकर किया आत्मदाह

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