प्रभात खबर का हास्य कवि सम्मेलन 9 मार्च को

कोलकाता : प्रभात खबर की ओर से नौ मार्च को हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. विद्या मंदिर सभागार में होनेवाले हास्य कवि सम्मेलन में देशभर से विख्यात कवि पहुंचेंगे. इनमें डॉ हरिअोम पवार, डॉ सुरेंद्र दूबे(पद्मश्री), गौरी मिश्रा, डॉ सुनील जोगी (पद्मश्री) व अन्य रहेंगे. नौ मार्च को शाम छह बजे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2017 8:48 AM
कोलकाता : प्रभात खबर की ओर से नौ मार्च को हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. विद्या मंदिर सभागार में होनेवाले हास्य कवि सम्मेलन में देशभर से विख्यात कवि पहुंचेंगे. इनमें डॉ हरिअोम पवार, डॉ सुरेंद्र दूबे(पद्मश्री), गौरी मिश्रा, डॉ सुनील जोगी (पद्मश्री) व अन्य रहेंगे. नौ मार्च को शाम छह बजे से इसका आयोजन होगा. डॉ हरिओम पवार भारत की राष्ट्रीय अस्मिता के गायक हिंदी कवि हैं. वह वीररस की कविताओं का पाठ करते हैं.
उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर जिले में सिकंदराबाद के निकट बुटना गांव में हुआ था. वह मेरठ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में प्रोफेसर हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें ‘निराला पुरस्कार’, ‘भारतीय साहित्य संगम पुरस्कार’, ‘रश्मि पुरस्कार’, ‘जनजागरण सर्वश्रेष्ठ कवि पुरस्कार’ तथा ‘आवाज-ए-हिंदुस्थान’ आदि सम्मान प्रदान किये गये हैं. सुरेंद्र दूबे हास्य कविताएं लिखते व उनका पाठ करते हैं. पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक श्री दूबे का जन्म 1953 के आठ जनवरी को छत्तीसगढ़ के दुर्ग के बेमेत्रा में हुआ था. उन्होंने पांच किताबें लिखी है. इसके अलावा अनगिनत स्टेज व टेलीविजन शो कर चुके हैं.
2010 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा था. उन्हें 2008 में काका हाथरसी से हास्य रत्न अवाॅर्ड भी हासिल हो चुका है. गौरी मिश्रा हलद्वानी की प्रेम रस की कवियत्री हैं. कहा जाता है कि वह जब सुर साधती हैं तो कविता अपने आप मनमोहक हो जाती है. वह जहां भी अपनी कविताओं का पाठ करती हैं अपनी छाप छोड़ देती हैं. उनके वीडियो यूट्यूब पर खासे ट्रेंड करते हैं. कहते हैं कि जिसे साहित्य से लगाव भी नहीं है, वह भी इनकी कविताओं को सुन कर तारीफ किये बगैर नहीं रह पाता. डॉ सुनील जोगी न केवल हास्य रस के कवि हैं, बल्कि वह लेखक तथा हिंदुस्तानी अकादमी के चेयरमैन भी हैं.
एक जनवरी 1971 को कानपुर में जन्मे डॉ जोगी ने हिंदी साहित्य में एमए तथा पीएचडी की है. उन्होंने 75 से अधिक किताबें लिखी है. उन्हें वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से स्म्मानित किया गया था. हास्य कवि सम्मेलन में प्रवेश निमंत्रण पत्र के जरिये होगा.

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