तृणमूल में नहीं थम रही गुटबाजी

कोलकाता: अपनी दूसरी पारी की शुरुआत के बाद तृणमूल कांग्रेस अब पार्टी की गुटबाजी को दूर करने में जुट गयी है, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताओं को आपसी विवाद खत्म करने के निर्देश दिये हैं, लेकिन उनके इस निर्देश का पार्टी कार्यकर्ताओं व नेता-मंत्रियाें पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. पार्टी के विभिन्न नेताओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 28, 2016 1:19 AM
कोलकाता: अपनी दूसरी पारी की शुरुआत के बाद तृणमूल कांग्रेस अब पार्टी की गुटबाजी को दूर करने में जुट गयी है, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताओं को आपसी विवाद खत्म करने के निर्देश दिये हैं, लेकिन उनके इस निर्देश का पार्टी कार्यकर्ताओं व नेता-मंत्रियाें पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. पार्टी के विभिन्न नेताओं के आपसी विवाद का असर पार्टी पर पड़ रहा है और कई जगहों पर पार्टी के नेता व समर्थक आपस में भिड़ रहे हैं.
इसलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताओं को आपसी विवादों को खत्म करने का निर्देश दिया है.
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि आपसी विवाद को दूर करना होगा और जो लोग इसे दूर नहीं कर पा रहे, उनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है. इसके बावजूद पार्टी के नेताओं के आपसी विवाद की वजह से शिक्षण संस्थान व अन्य विकासशील कार्यों में बाधा पहुंच रही है.
उत्तर 24 परगना क्षेत्र में राजारहाट-न्यूटाउन व विधाननगर में सिंडिकेट राज की घटना जगजाहिर है, इस संबंध में मुख्यमंत्री ने विधायक सब्यसाची दत्त व सुजीत बोस और सांसद काकली घोष दस्तिदार को सतर्क भी किया है. इसी बीच, जयपुरिया कॉलेज के मामले में भी दो मंत्रियों के बीच आपसी विवाद ही प्रमुख कारण बताया जा रहा है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले का जल्द से जल्द निबटारा करने का निर्देश दिया है और मामले में तृणमूल कांग्रेस द्वारा आधिकारिक रूप से किसी भी नेता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि दोषियों के िखलाफ कार्रवाई होगी. बिना राजनीतिक रंग देखे राज्य सरकार अपना काम करेगी.

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