सुधार गृहों के लघु उद्योगों का होगा पुनर्विकास : डीजी

कोलकाता : राज्य के विभिन्न क्षेत्राें में स्थित सुधारगृहों में चल रहे लघु उद्याेगों का पुनर्विकास किया जायेगा, ताकि वहां बंद कैदियों को दक्ष बनाया जा सके. राज्य सरकार ने इस वर्ष 1000-1500 कैदियों का स्किल डेवलपमेंट करने का लक्ष्य रखा है. यह जानकारी शनिवार को पश्चिम बंगाल के सुधार गृह सेवाओं के डीजी व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 26, 2016 6:37 AM
कोलकाता : राज्य के विभिन्न क्षेत्राें में स्थित सुधारगृहों में चल रहे लघु उद्याेगों का पुनर्विकास किया जायेगा, ताकि वहां बंद कैदियों को दक्ष बनाया जा सके. राज्य सरकार ने इस वर्ष 1000-1500 कैदियों का स्किल डेवलपमेंट करने का लक्ष्य रखा है. यह जानकारी शनिवार को पश्चिम बंगाल के सुधार गृह सेवाओं के डीजी व आइजीपी अरूप गुप्ता ने रोटरी क्लब ऑफ कलकत्ता मेफेयर की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान दी.
गौरतलब है कि सुधारगृह सेवाओं से संबंधित निदेशालय व रोटरी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में स्माइल्स प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद प्रदान की जाती है. शनिवार को 230 बच्चों के बीच आर्थिक राशि वितरित की गयी.
इस मौके पर श्री गुप्ता ने कहा कि विभिन्न जेलाें में सरसों तेल का उत्पादन किया जा रहा है, इस उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर रोजाना 600 किलो करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा यहां पावर लूम बनाये जायेंगे, जिसके माध्यम से यहां गमछे व अन्य कपड़े तैयार किये जायेंगे. जेलों में सिलाई व बुनाई का काम भी तेजी से चल रहा है.
सुधार गृह विभाग व एसेंबली ऑफ गॉड‍्स चर्च के बीच समझौता हुआ है, जिसके तहत इनके स्कूल के 12 हजार बच्चों के कपड़ों को सिलाई का दायित्व कैदियों काे दिया गया है. इस मौके पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन, रश्मि जैन, सचिव संजय चोरड़िया, स्माइल प्रोजेक्ट के चेयरमैन सुशील सेठिया व प्रोजेक्ट सह-चेयरमैन वीरेंद्र सिंघवी सहित अन्य उपस्थित रहे.

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