सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी दुष्कर्म पीड़िता को प्रताड़ित करने का आरोप

कोलकाता. दुष्कर्म पीड़िता के लिए सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी अस्पतालों में दुष्कर्म पीड़िताओं को अवहेलना का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह की एक घटना दक्षिण कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल में घटी. जहां मेडिकल जांच कराने गयी नाबालिग को पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा. क्या है सुप्रीम कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2016 2:14 AM
कोलकाता. दुष्कर्म पीड़िता के लिए सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी अस्पतालों में दुष्कर्म पीड़िताओं को अवहेलना का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह की एक घटना दक्षिण कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल में घटी. जहां मेडिकल जांच कराने गयी नाबालिग को पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देश के अनुसार इस तरह के मामलों को साधारण मामलों से अलग श्रेणी में देखना होगा. पीड़िता को किसी तरह की असुविधा नहीं हो इसके लिए उसे तत्काल मेडिकल जांच के लिए डाक्टर के साथ मानसिक चिकित्सक भी उपलब्ध कराये जाने की बात कही गयी है. लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों में जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन ही कहा जा सकता है.
क्या है घटना : पुलिस के अनुसार 22 मई को टाॅलीगंज रोड से एक नाबालिग के गुमशुदा हाेने की थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी, जिसके बाद पुलिस ने 25 मई को उसे कोलकाता पोर्ट इलाके के खिदिरपुर के दालपट्टी से बरामद किया. बरामद करने के बाद उसे मेडिकल जांच के लिए शाम चार बजे से लेकर रात नौ बजे तक बिठा कर रखा गया. परिजनों के बार-बार पूछने पर डाॅक्टर के व्यस्त रहने, ड्यूटी से बाहर रहने आदि बहाने बनाये गये. इसका सीधा असर दुष्कर्म की शिकार नाबालिग की मानसिक स्थिति पर पड़ता है. इस संबंध में अस्पताल की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. नाबालिग के परिजनों ने पुलिस पर जांच में सहयोग देने का आरोप लगाया है, जबकि उन लोगों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

Next Article

Exit mobile version