मतदान संपन्न: अंतिम समय में ममता ने बदली अपनी योजना, दीघा के बजाय, कूचबिहार गयीं

कोलकाता: मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुरू में योजना बनायी थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्तेभर के लिए वह दीघा जायेंगी. समुद्र के किनारे छुट्टियां बितायेंगी. मतगणना होने तक वहीं से शासन चलायेंगी, लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने योजना बदल दी. वह कूचबिहार में चालसा के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 6, 2016 1:42 AM

कोलकाता: मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुरू में योजना बनायी थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्तेभर के लिए वह दीघा जायेंगी. समुद्र के किनारे छुट्टियां बितायेंगी. मतगणना होने तक वहीं से शासन चलायेंगी, लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने योजना बदल दी.

वह कूचबिहार में चालसा के रिसोर्ट में चली गयीं. वहां से गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के दौरान राजनीतिक रूप से दावं पर लगीं सीटों पर खोज-खबर लेती रहीं. छठे व आखिरी चरण में गुरुवार को शाम पांच बजे तक 84.24 फीसद मतदान हुआ. अंतिम चरण में 25 सीटों पर 170 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा. ममता की नजर कूचबिहार की नौ और पूर्व मेदिनीपुर की 16 सीटों पर रहीं.

इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिष्ठा दावं पर है. दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में इन दोनों जिलों में 25 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी. वहीं 2011 के विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस-कांग्रेस गंठबंधन ने 21 सीटें जीत ली थीं. हालांकि इस बार कांग्रेस का गंठबंधन वाम मोरचा के साथ है और लोकसभा चुनाव की तरह तृणमूल कांग्रेस अकेले जोर लगा रही है. वाममोरचा-कांग्रेस गंठबंधन ने पूरे पश्चिम बंगाल में अधिकांश सीटों पर कड़ी चुनौती पेश की है.

आखिरी चरण के चुनाव में आखिरी मौके तक ममता की नींद उड़ी रहने की यही मुख्य वजह बतायी जा रही है. ममता ने इन दोनों जिलों की 25 सीटों पर अपनी जीत को आसान माना था. माना था कि कुछ भी हो यहां 20 सीटें उनकी पार्टी जीत ही लेगी, लेकिन अब माना जा रहा है कि गठबंधन की बयार तेज होने के साथ-साथ पिछले एक महीने में उनका गणित गड़बड़ाया है. तृणमूल को हरेक सीट पर संघर्ष करना पड़ा है.

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