टीटीइ की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी

कोलकाता :रेलवे में टीटीइ की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम सत्यरंजन सरदार (29) और अमृत बैद्य (40) हैं. दक्षिण 24 परगना के अम्राबेरिया इलाके का रहनेवाला सत्यरंजन गिरोह का सरगना बताया जाता है, जबकि दक्षिण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 29, 2015 7:46 AM
कोलकाता :रेलवे में टीटीइ की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम सत्यरंजन सरदार (29) और अमृत बैद्य (40) हैं. दक्षिण 24 परगना के अम्राबेरिया इलाके का रहनेवाला सत्यरंजन गिरोह का सरगना बताया जाता है, जबकि दक्षिण 24 परगना के ही महजपुर हॉटा का रहनेवाला अमृत बैद्य बेरोजगार युवकों की तलाश करता था. आरपीएफ ने आरोपियों के पास से सियालदह के डीआरएम ऑफिस और गुटियारी सरीफ स्टेशन के 13 नियुक्तिपत्र, पंजाब नेशनल बैंक के 20 लाख के दो चेक और 1500 सौ रुपये का एक चेक बरामद किया गया है.
आरपीएफ अधिकारियों को सूचना मिली थी कि दोनों आरोपी शुक्रवार देर रात बारुईपुर रेलवे स्टेशन पहुंचनेवाले हैं. उन्हें किसी परिक्षार्थी से रुपये मिलनेवाले हैं. इसके बाद बारुईपुर के इंस्पेक्टर मो अमजद के नेतृत्व में बारुईपुर आरपीएफ और सीआइबी सियालदह की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर देर रात दोनों आरोपियो को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

रेलवे सुरक्षा बल सियालदह मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त अंजनी कुमार सिन्हा ने बताया कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगनेवाले गिरोह के सरगना समेत दो लोगों को बारुईपुर आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है. यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है. दोनों ने अभी तक 60 से ज्यादा युवकों को टीटीई और ग्रपु डी के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगे हैं. हमने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

बारुईपुर के इंस्पेक्टर मो अमजद ने बताया कि बासंती निवासी अब्दुल रजाक और कैनिंग निवासी रफीकुल मंडल ने हमसे संपर्क किया था. उन्होंने बताया कि सत्यरंजन सरदार और अमृत बैद्य ने उनसे रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये का डिमांड भी किया है. शुक्रवार रात दोनों रुपये लेने के लिए बारुईपुर स्टेशन आनेवाले हैं. अब्दुल रजाक ने बताया है कि वह नौकरी की तलाश में था. इसी दौरान उनका संपर्क उक्त लोगों के साथ हुआ. आरोपी ने बताया था कि उनकी पहुंच रेलवे में उच्चाधिकारियों तक है. रेलवे में नौकरी के लिए उन्होंने डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी. कई लोगों से उन्होंने पांच से छह लाख भी मांगे थे.

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