खून से संबंधित बीमारियों पर नियंत्रण संभव

कोलकाता : ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा जैसी बिमारियों का कारण रक्त में होने वाले विकार हैं. चिकित्सकों की भाषा में खून से संबंधित इन बीमारियों को हेमाटो अंकोलॉजी कहा जाता है. हेमाटो – अंकोलॉजी यानी ब्लड कैंसर. एनीमिया, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया और आइटीपी भी खून से संबंधित जेनेटिक विकार हैं लेकिन उचित चिकित्सकीय सलाह से इन बीमारियों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 21, 2020 2:37 AM

कोलकाता : ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा जैसी बिमारियों का कारण रक्त में होने वाले विकार हैं. चिकित्सकों की भाषा में खून से संबंधित इन बीमारियों को हेमाटो अंकोलॉजी कहा जाता है. हेमाटो – अंकोलॉजी यानी ब्लड कैंसर. एनीमिया, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया और आइटीपी भी खून से संबंधित जेनेटिक विकार हैं लेकिन उचित चिकित्सकीय सलाह से इन बीमारियों को नियंत्रण में रखा जा सकता है.

बंगाल सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी (बीएसएच) के पांचवें वार्षिक सम्मेलन में उक्त रक्त विकारों से संबंधित विभन्नि मुद्दों पर चर्चा हुई. हेमटोलॉजी के क्षेत्र में किये गये विभन्नि वैज्ञानिक शोधों और विकास के बारे में चर्चा के अलावा इस वर्ष सम्मेलन के एक भाग के रूप में एक और पहल, ‘हैम अंजलि’ की शुरुआत की गयी. इस सम्मेलन के जरिये उक्त क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्सकों ने अपने चिकित्सकीय ज्ञान का भी आदान-प्रदान किया. यह जानकारी संचालक सचिव डॉ राजीव दे ने दी.

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