ऋषभ व दीपांशु की हालत स्थिर, पर खतरा टला नहीं

ऋषभ को चढ़ायी गयी छह यूनिट ब्लड, दीपांशु की हालत बेहतर कोलकाता : एसएसकेएम (पीजी) में भर्ती ऋषभ सिंह व दीपांशु भगत की हालत स्थिर बतायी जा रही है. पर दोनों अब भी खतरे से बाहर नहीं हैं. रक्त में प्लेटलेट व हेमोग्लोबिन की मात्रा घट जाने के कारण ऋषभ को देर रात छह यूनिट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2020 2:15 AM

ऋषभ को चढ़ायी गयी छह यूनिट ब्लड, दीपांशु की हालत बेहतर

कोलकाता : एसएसकेएम (पीजी) में भर्ती ऋषभ सिंह व दीपांशु भगत की हालत स्थिर बतायी जा रही है. पर दोनों अब भी खतरे से बाहर नहीं हैं. रक्त में प्लेटलेट व हेमोग्लोबिन की मात्रा घट जाने के कारण ऋषभ को देर रात छह यूनिट ब्लड चढ़ाया गया है.
पीजी अस्पताल के अधीक्षक प्रो डॉ रघुनाथ मिश्रा ने बताया कि ऋषभ सिंह को पीजी के कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर साइसेंस (सीटीवीएस) विभाग में रखा गया है, जहां उसे एक्सट्रॉकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (इसीएमओ) व वेंटिलेशन सपोर्ट पर रखा गया है. गौरतलब है कि इसीएमओ तकनीक में एक विशेष तरह के पंप व एक कृत्रिम फेफड़े के माध्यम से ऋषभ के शरीर में रक्तप्रवाह संचालित किया जा रहा है. यह प्रणाली हार्ट-लंग्स को सक्रिय रखने में मदद करता है.
उधर, दीपांशु भगत की सेहत ऋषभ के तुलना में बेहतर है. उसे पीजी के ट्रॉमा केयर सेंटर में रखा गया है. उसकी सेहत में सुधार हो रहा है. दीपांशु को भी वेंटिलेशन पर रखा गया है. डॉक्टर बच्चे को वेंटिलेशन सपोर्ट से बाहर निकालने की भी कोशिश कर रहे हैं. दीपांशु के शरीर में खाल का गंदा पानी जाने के कारण डॉक्टरों को आशंका थी कि उसके शरीर में संक्रमण फैल सकता है, हालांकि विभिन्न तरह की जांच में इस बात की पुष्टि नहीं हुई.
डॉ मिश्रा ने बताया कि दीपांशु के शरीर में संक्रमण नहीं फैला है. उसके शरीर से गंदा पानी भी निकाल दिया गया है. वह फिलहाल बेहोशी की हालत में है, लेकिन उसका हार्ट व लंग्स पूरी तरह से कार्य कर रहा है. दोनों बच्चों की शारीरिक स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को दो बार मेडिकल बोर्ड की बैठक हुई. गौरतलब है बच्चों की चिकित्सा के लिए पीजी में सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित की गयी है.
चिकित्सकों की देख-रेख से पिता संतुष्ट :
ऋषभ सिंह के पिता व श्रीरामपुर के पार्षद संतोष सिंह ने पीजी में संवाददाताओं को बताया कि उनके बेटे को बचाने के लिए चिकित्सक पूरी कोशिश कर रहे हैं. बच्चे के स्वास्थ्य की हर जानकारी उन्हें दी जा रही है.

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