40 लाख तक टर्नओवर वाले को नहीं देना होगा जीएसटी

कोलकाता : राज्य सरकार ने छोटे व मध्यम वर्ग के व्यवसायियों व सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. विभिन्न उत्पादों की बिक्री करनेवाले व्यवसायियों के लिए जीएसटी में छूट दी गयी है. राज्य सरकार ने इसकी सीमा को 20 लाख से बढ़ा कर 40 लाख रुपये कर दिया है. यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2020 1:58 AM

कोलकाता : राज्य सरकार ने छोटे व मध्यम वर्ग के व्यवसायियों व सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. विभिन्न उत्पादों की बिक्री करनेवाले व्यवसायियों के लिए जीएसटी में छूट दी गयी है. राज्य सरकार ने इसकी सीमा को 20 लाख से बढ़ा कर 40 लाख रुपये कर दिया है. यह जानकारी सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा ने विधानसभा में दी.

गौरतलब है कि सोमवार को वित्त मंत्री ने विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल फाइनेंस बिल 2020’ पेश किया. उन्होंने बताया कि अब से 40 लाख तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी नहीं देना होगा. वहीं, सेवा प्रदाता व मिश्रित आपूर्तिकर्ता कंपनियों के लिए इसकी सीमा बढ़ा कर 50 लाख रुपये कर दी गयी है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कर सुधार की दिशा में कई नये प्रस्ताव पेश किये हैं. उन्होंने जीएसटी पर करारा हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जल्दीबाजी और गैरयोजनाबद्ध तरीके से जीएसटी को लागू किया गया. फर्जी इनवॉयस के जरिये टैक्स की चोरी एक बड़ी समस्या बन गयी है.
राज्य सरकार ने वैट, सीएसटी और एंट्री टैक्स संबंधी विवादों को निपटाने के लिए डिस्प्यूट स्कीम लॉन्च की थी. श्री मित्रा ने बताया कि इससे 30 हजार से अधिक करदाताओं को लाभ हुआ है और 1,120 करोड़ बकाया विवादित कर हासिल किया गया है. फिर भी 25 हजार विवादित मामले अभी भी लंबित हैं. लिहाजा सरकार की ओर से नयी निपटान योजना लायी जा रही है. यह योजना 31 जनवरी 2020 तक लंबित वैट, सेल्स टैक्स, सीएसटी आदि के मामलों के लिए लागू होगी. योजना के तहत करदाताओं को 31 मार्च 2020 तक विवादित कर का 25 फीसदी जमा करना होगा. जिन करदाताओं ने योजना का लाभ नहीं लिया है, उन्हें विवादित कर के आधे का 25 फीसदी जमा करने का विकल्प होगा.
यह भी 31 मार्च 2020 के भीतर जमा करना होगा. बाकी का विवादित टैक्स वह अधिकतम छह मासिक किस्तों में अधिकतम 30 फीसदी जमा करना होगा. यह किस्त अप्रैल 2020 से शुरू होगी. एंट्री टैक्स के मामले में एडमिटेड टैक्स ही 31 मार्च तक चुकाना होगा. जो इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें एडमिटेड टैक्स का 50 फीसदी 31 मार्च तक और बाकी का 50 फीसदी सामान्य ब्याज पर अधिकतम छह मासिक किस्तों में जमा करना होगा.

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