वर्ष में एक बार ही हो दरों की समीक्षा : सीतारमण

कोलकाता : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि हर तीन महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों की समीक्षा सही नहीं है. दरों के हमेशा बदलते रहने से इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. व्यापारी अपने करों के लिए योजना नहीं बना पाते. रिफंड की भी समस्या होती है. सरकार भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2020 5:10 AM

कोलकाता : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि हर तीन महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों की समीक्षा सही नहीं है. दरों के हमेशा बदलते रहने से इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. व्यापारी अपने करों के लिए योजना नहीं बना पाते. रिफंड की भी समस्या होती है. सरकार भी यह पता नहीं लगा पाती कि उसकी कितनी आय होगी.

दरों की समीक्षा वर्ष में एक बार होनी चाहिए. उनका यह भी कहना था कि दरों के संबंध में राज्य सरकार को भी अपनी चिंता से जीएसटी काउंसिल को अवगत कराना चाहिए. अगर वह किसी वस्तु की दरों में कमी चाहते हैं तो इस बाबत वह भी आवाज उठा सकते हैं. संघीय ढांचे में केंद्र हमेशा दरों की बाबत फैसला नहीं ले सकता.
स्थानीय एक होटल में बजट बाद व्यापार संगठनों एवं अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की आय में इजाफा हुआ है. जनवरी महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह 1.11 लाख करोड़ रुपये रहा. सरकार ने डेटा एनालिटिक्स को अपनाया है, जिससे खासा लाभ हुआ है.
कई खामियों को दूर किया गया है और गलत तरीका अपनाने वालों पर लगाम लगी है. राज्य सरकार को करों से होने वाली आय में कमी होने पर मुआवजे के वादे और उसमें होने वाली कमी के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि जब जीएसटी लाया गया था तो इसकी औसत दर 15-16 फीसदी थी.
हालांकि आरबीआइ के मुताबिक अब औसत दर 11.8 फीसदी है. इसके अलावा अर्थव्यवस्था के विकास का आकलन सालाना 13-14 फीसदी किया गया था. विभिन्न कारणों से वह उतना नहीं हो पाया.
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में 2024-25 तक देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की आधारशिला रखी गयी है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में खपत बढ़ाये जाने के उपाय किये गये हैं. साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि सरकार आधारभूत ढांचे के विकास के लिए निवेश करे.
इससे आखिरकार देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर का बनाने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री से पूछा गया कि पश्चिम बंगाल को इस बजट से क्या हासिल हुआ है तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि किसको क्या मिला. इस सवाल का वह क्या जवाब दें. वह वृहद आर्थिक स्थिरता, देश में परिसंपत्तियों के निर्माण पर ध्यान दे रही हैं.
कर की दरों में कमी से पैसा सीधे लोगों के हाथों में जा रहा है.
बजट में रखी गयी पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बुनियाद : वित्त मंत्री
आज राज्य का बजट पेश करेंगे वित्त मंत्री अमित मित्रा
कोलकाता. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा सोमवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगे. मित्रा सोमवार को दोपहर दो बजे विधानसभा में बजट पेश करेंगे.
बजट से पहले विधानसभा में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी. इस बैठक में बजट को मंजूरी दी जायेगी. प्रस्तावित निकाय चुनाव और अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार बजट में कई लोक लुभावन घोषणाएं हो सकती हैं.
आज राज्य का बजट पेश करेंगे वित्त मंत्री अमित मित्रा
कोलकाता. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा सोमवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगे. मित्रा सोमवार को दोपहर दो बजे विधानसभा में बजट पेश करेंगे.
बजट से पहले विधानसभा में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी. इस बैठक में बजट को मंजूरी दी जायेगी. प्रस्तावित निकाय चुनाव और अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार बजट में कई लोक लुभावन घोषणाएं हो सकती हैं.

Next Article

Exit mobile version