देर हो सकती है, पर होकर रहेगी कार्रवाई : राज्यपाल

कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक आंदोलन में शामिल कुलपतियों व सरकारी खर्चें पर राजनीतिक आंदोलन के विज्ञापन में सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति के मामले में कार्रवाई निश्चित है. कार्रवाई में देर हो सकती है, लेकिन कार्रवाई जरूर होगी. उनका आचरण कानून के दायरे में नहीं है. श्री धनखड़ ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 25, 2020 1:57 AM

कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक आंदोलन में शामिल कुलपतियों व सरकारी खर्चें पर राजनीतिक आंदोलन के विज्ञापन में सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति के मामले में कार्रवाई निश्चित है. कार्रवाई में देर हो सकती है, लेकिन कार्रवाई जरूर होगी. उनका आचरण कानून के दायरे में नहीं है.

श्री धनखड़ ने शुक्रवार को राजभवन में प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहा : सरकारी कर्मचारी को सोचना होगा कि वह राजनीतिक दल के सदस्य की तरह काम नहीं कर सकता. लोगों को कितना झटका लगा होगा, जब वाइस चांसलर (कुलपति ) के पद पर बैठे व्यक्ति एक राजनीतिक आंदोलन में जाते हैं. वहां चर्चा करते हैं. मेरा इस मामले पर ध्यान है. उन पर कार्रवाई निश्चित है.
कार्रवाई निश्चित ही उस विज्ञापन पर भी होगी, जिसमें राजनीतिक आंदोलन के विज्ञापन में मुख्यमंत्री के बगल में मुख्य सचिव बैठे हैं, डीजीपी बैठे हैं, सीपी बैठे हैं, अन्य अधिकारी हैं, मैं उन्हें नजरअदांज नहीं कर सकता. उनका आचरण कानून के दायरे में नहीं है. कार्रवाई में देर हो सकती है, लेकिन होकर रहेगी.
इस तरह के आचरण को डेमोक्रेसी में नजरअंदाज करना मेरी शपथ का अनादर है. मैं ऐसा नहीं कर सकता. उन्होंने कहा : चांसलर यदि दीक्षांत समारोह में जा रहा है, आप धरना दीजिये. इसमें क्यों रोक लगेगी? विरोध का अधिकार हमारे संविधान के अंदर बहुत बड़ा है, लेकिन सरकारी कर्मचारी राजनीति नहीं कर सकते. वाइस चांसलर राजनीतिक धरने पर नहीं बैठ सकता है, अन्य सभी अधिकार हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सीएए को लेकर आंदोलन करने पर कहा : संविधान की शपथ ले रखी हैं, संविधान की शपथ लेकर रास्ते में आंदोलन किये जा रहे हैं. क्या दूसरा व्यक्ति, जिसने संविधान की शपथ ली है, वह भी रास्ते पर उतर कर आंदोलन करे. सरकारी धन का उपयोग राजनीतिक आंदोलन के लिए किया जाये, गलत है. गलत ही नहीं, बहुत गलत है. इसके बड़े गंभीर दुष्परिणाम होंगे. पहले भी हुए हैं. मुख्यमंत्री के पद पर जो आसीन थे, उनके खिलाफ भी.
यह बात निर्विवाद है कि सरकारी खजाने का उपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए किसी तरीके से नहीं किया जा सकता और यदि ऐसा होता है, तो इसके परिणाम सुखद किसी के लिए नहीं हैं.
उन्होंने कहा : मैं केवल संविधान के तहत ही कार्य करूंगा और वही मेरा धर्म भी है.
उसे मैं निभाऊंगा भी. राज्यपाल विधानसभा जाये और दरवाजे बंद होना, चांसलर की हैसियत से यूनिवर्सिटी जाये, वीसी का दफ्तर लॉक होना, किसी का नहीं मिलना और पूजा कार्निवल पर चार घंटे से ज्यादा राज्यपाल को ब्लैकआउट करना, ये सभी ऐसे पीड़ादायक विषय हैं, जिन्हें मैं भूल कर आगे बढ़ना चाहता हूं.

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