इतिहास की किताबों से सारधा-नारदा घोटाले के आरोपियों के नाम हटाने की मांग

कोलकाता : राज्य के सभी सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कक्षा आठ के लिए जारी की गयी इतिहास की किताब में लंबे समय से संशोधन की मांग की जा रही है. शिक्षकों व हेडमास्टरों का कहना है कि आठवीं कक्षा (बांग्ला, हिंदी, उर्दू मीडियम) की इतिहास की किताब ‘अतीत ओ एतिजो’ में पेज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2020 5:46 AM

कोलकाता : राज्य के सभी सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कक्षा आठ के लिए जारी की गयी इतिहास की किताब में लंबे समय से संशोधन की मांग की जा रही है. शिक्षकों व हेडमास्टरों का कहना है कि आठवीं कक्षा (बांग्ला, हिंदी, उर्दू मीडियम) की इतिहास की किताब ‘अतीत ओ एतिजो’ में पेज नंबर 162 से 168 में जारी एक चैप्टर ‘सिंगूर आंदोलन’ में उन व्यक्तियों के नाम जोड़े गये हैं, जो सारधा-नारदा धोखाधड़ी मामले में अभियुक्त हैं.

इन आरोपियों के नाम इस चैप्टर से हटाये जाने चाहिए. इस विषय में शिक्षक नेता सपन मंडल का कहना है कि इस इतिहास की किताब में सिंगूर आंदोलन का विवरण दिया गया है. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मेयर व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के साथ, पूर्व मेयर शोभन चटर्जी, चित्रकार शुभा प्रसन्ना व तब के तृणमूल नेता मुकुल राय के नाम शामिल हैं.
इनके अलावा तृणमूल नेता सुब्रत बक्शी, परिवहन मंत्री शुभेंदू अधिकारी का नाम जोड़ा गया है. बच्चे जब ये चेप्टर पढ़ेंगे, तो वे क्या सीखेंगे. इन आरोपी नेताओं के नाम का जिक्र कर उनकी सराहना की गयी है. उन नेताओं ने भले ही सिंगूर आंदोलन में उस समय भाग लिया हो, लेकिन वर्तमान में उन पर ठगी व धोखाधड़ी के आरोप लगे हुए हैं.
किताब में से ऐसे नेताओं का नाम हटा देना चाहिए, इससे बच्चों के दिमाग पर गलत असर पड़ेगा. बच्चे स्कूली जीवन में उनसे क्या सीख पायेंगे, यह सोचने की बात है. इस बारे में सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य शुभंकर दास ने भी आपत्ति जतायी है. इनके नाम सिलेबस से हटाये जाने की मांग की गयी है. इसके लिए एक लिखित ज्ञापन स्कूल शिक्षा विभाग को दिया गया है.

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