नागरिकता संशोधन विधेयक के बाद बंगाल में आगजनी, विजयवर्गीय ने मांगा ममता का इस्तीफा
कोलकाता : नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) की विरोध की आग असम के बाद अब बंगाल में पहुंच गयी. एक ओर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में कैब लागू नहीं होने की घोषणा की, तो दूसरी ओर मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशन में आग लगाने और उलबेड़िया में हावड़ा-खड़गपुर हावड़ा-खड़गपुर सेक्शन में अप और डाउन […]
कोलकाता : नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) की विरोध की आग असम के बाद अब बंगाल में पहुंच गयी. एक ओर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में कैब लागू नहीं होने की घोषणा की, तो दूसरी ओर मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशन में आग लगाने और उलबेड़िया में हावड़ा-खड़गपुर हावड़ा-खड़गपुर सेक्शन में अप और डाउन ट्रेनों का रास्ता रोकने की घटना घटी है.
भाजपा ने पूरी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा : ममता जी पूरे बंगाल को आराजकता की आग में झोंकना चाहती हैं. उनके बयान बयान के बाद और जुम्मे की नमाज के बाद मुस्लिम भाइयों ने बीरभूम, मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशनों पर आगजनी की. वे टायर जलाकर नेशनल हाईवे रोक रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस इन स्थानों पर मूकदर्शक बनी हुई है. ममता जी के इशारों पर आगजनी की घटना हो रही है. ऐसी मुख्यमंत्री जो अपने राज्य को आराजकता के आग में झोंके, उसे एक मिनट भी मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस प्रदेश के मतुआ समाज, नमो शूद्र, राजवंशी और कीर्तनिया समाज को नागरिकता प्रदान करने के लिए सीएबी देशभर में लागू करने की घोषणा की थी.
उन्होंने वादा किया था और अपने वादे के अनुसार नागरिकता देने का विधेयक पारित किया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री बंगाली शरणार्थियों को नागरिकता देने का विरोध करती हैं. यह साफ करें… इस प्रकार घुसपैठियों के माध्यम से प्रदेश में आराजकता फैलाना निंदनीय कार्य है. उन्हें एक मिनट के लिए अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. वह अपने पद से इस्तीफा दें.