लोकसभा को बंगाल विधानसभा मत बनाइये

चिटफंड घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल के भाजपा व तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में तीखी बहस कोलकाता : लोकसभा में चिटफंड घोटाले को लेकर सोमवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी बहस को शांत कराने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला को हस्तक्षेप करते हुए यह कहना पड़ गया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2019 2:11 AM

चिटफंड घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल के भाजपा व तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में तीखी बहस

कोलकाता : लोकसभा में चिटफंड घोटाले को लेकर सोमवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी बहस को शांत कराने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला को हस्तक्षेप करते हुए यह कहना पड़ गया : लोकसभा को (पश्चिम) बंगाल विधानसभा नहीं बनाइये.
दोनों दलों के सदस्यों के बीच यह बहस सदन में ‘चिट फंड संशोधन विधेयक, 2019’ पर चर्चा के दौरान हुई. चर्चा के दौरान भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने बंगाल में कथित चिटफंड घोटाले को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा, जिस पर तृणमूल सदस्यों से उनकी नोकझोंक हुई. कल्याण बनर्जी सहित तृणमूल के कई सदस्यों ने चटर्जी की बात का लगातार विरोध किया और इस मुद्दे पर टीका-टिप्पणी जारी रखी.
इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा : लोकसभा को बंगाल विधानसभा नहीं बनाइये. जो विधेयक (सदन में) है, उस पर चर्चा करें. विधेयक से बाहर चर्चा नहीं करें. चर्चा के दौरान सुश्री चटर्जी ने कहा कि बंगाल में जिन चिटफंड कंपनियों ने लोगों से धोखाधड़ी की है उसके मालिकों की संपत्ति जब्त की जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में चिटफंड एक परिवार की कंपनी है. उन्होंने दावा किया :पूरी तृणमूल कांग्रेस इसमें (चिटफंड घोटाले में) शामिल है. प्रधानमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.

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