उत्तर 24 परगना में दो लाख हेक्टेयर में फसल को नुकसान
कोलकाता : बुलबुल के कारण संदेशखाली, बशीरहाट और बारासात समेत उत्तर 24 परगना जिले में करीब दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैली जमीन पर फसलों का नुकसान हुआ है. इधर ग्रामीण अंचल में बुलबुल के प्रभाव से हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में […]
कोलकाता : बुलबुल के कारण संदेशखाली, बशीरहाट और बारासात समेत उत्तर 24 परगना जिले में करीब दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैली जमीन पर फसलों का नुकसान हुआ है.
इधर ग्रामीण अंचल में बुलबुल के प्रभाव से हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में एक प्रशासनिक बैठक करेंगी. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जिले के सारे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही विधायक और मंत्री भी शामिल रहेंगे.
इधर, उत्तर 24 परगना जिले के डेपुटी डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर 24 परगना के बुलबुल प्रभावित क्षेत्रों में जिले में 164000 हेक्टेयर में खरीफ धान की फसल, 10760 हेक्टेयर में सरसों के फसल, 28 हेक्टेरयर में मसूर के फसल, 22 सौ हेक्टेयर में साग-सब्जी के फसलों और पांच सौ हेक्टेयर में अन्य फसलों का नुकसान हुआ है. बड़े पैमाने पर हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुलबुल प्रभावित अंचलों का दौरा करने का निर्णय लिया.
बुधवार को बारह बजे के करीब संदेशखाली में बुलबुल के प्रभाव से हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक जरूरी बैठक करेंगी. इसमें जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे.
नुकसान को लेकर किसानों का प्रदर्शन
कोलकाता. उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट एक नंबर ब्लॉक में बुलबुल के कारण तेज हवा व भारी बारिश से सैकड़ों बीघा जमीन पर धान की खेती को नुकसान पहुंचा है. इससे नाराज किसानों ने सोमवार को नजात रोड पर बैनर व पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
किसानों का कहना है कि बीडीओ, सिचाई विभाग और जिलाधिकारी से गुहार लगाने के बाद भी किसी तरह से कोई कदम नहीं उठाया गया, जिस कारण से किसान सड़क पर आ गये. इस वजह से अवरोध के कारण एक तरफ मालंच रोड और दूसरी तरफ नजात रोड पूरी तरह से बंद हो गया.
खबर पाकर मौके पर पहुंची बशीरहाट थाने की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बीडीओ और सिचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी जमीन से जल्द सारे जल निकालने के उपाय किये जायेंगे, जिसके बाद ही किसानों ने अवरोध हटाया.