बुलबुल’ के दौरान लापता हुए नौ मछुआरों में से चार के शव मिले

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में भारतीय तटरक्षक बल व एनडीआरएफ के चक्रवात बुलबुल के कारण मछली पकड़ने वाली नाव के पलट जाने से मौसुनी द्वीप से लापता नौ मछुआरों में से चार के शव बरामद कर लिये हैं. सोमवार को यह जानकारी एक वरिष्ठ तटरक्षा अधिकारी ने दी. यह नाव शनिवार को द्वीप से 50 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2019 1:57 AM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में भारतीय तटरक्षक बल व एनडीआरएफ के चक्रवात बुलबुल के कारण मछली पकड़ने वाली नाव के पलट जाने से मौसुनी द्वीप से लापता नौ मछुआरों में से चार के शव बरामद कर लिये हैं. सोमवार को यह जानकारी एक वरिष्ठ तटरक्षा अधिकारी ने दी. यह नाव शनिवार को द्वीप से 50 मीटर दूर समुद्र में चक्रवात बुलबुल की चपेट में आ गयी थी. चक्रवात ने गंगासागर, दक्षिण 24 परगना व खेपुपाड़ा क्षेत्र के बीच पहली दस्तक दी थी.

पश्चिम बंगाल तटरक्षक बल के कमांडर व उप महानिरीक्षक एसआर दास ने बताया कि लगातार चलाये गये खोज अभियान के बाद चार शव बरामद किये गये हैं. शवों को जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है. दास ने बताया कि मंगलवार को खोज कार्य फिर से शुरु किया जायेगा, जिससे नाव में सवार बाकी मछुआरों का पता लगाया जा सके.
गौरतलब है कि नाव में नौ मछुआरे सवार थे और नाव मौसुनी द्वीप पर तूफान की चपेट में आकर पलट गई. हादसे के बाद से तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. पश्चिम बंगाल में शनिवार आधी रात को दस्तक देने के बाद चक्रवात ‘बुलबुल’ उत्तर-पूर्व में सुंदरबन नदी मुख से होता हुआ बांग्लादेश की ओर बढ़ गया.
एनडीआरएफ द्वितीय बटालियन के कमांडेंट नीतीश उपाध्याय ने सोमवार को बताया कि लापता मछुआरों का पता लगाने के लिए बल के गोताखोर समुद्र के अन्दर तलाश कर रहे हैं. समय बीतने पर उनके लिए खतरा बढ़ सकता है.
श्री दास ने कहा कि तटरक्षक बल ने खोज अभियान में दो होवरक्राफ्ट लगाये हैं. प्रत्येक होवरक्राफ्ट में एक पायलट, एक सह-पायलट व आठ सहायक कर्मी शामिल हैं. वे फ्रेजरगंज तट से छंटनी कर रहे हैं. हल्दिया तटरक्षक बल के कमांडेंट दीपक सिंह होवरक्राफ्ट की कमान संभाल रहे हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नाव में 13 मछुआरे सवार थे. जिनमें से चार तैर कर सुरक्षित लौट आये. और नौ मछुआरों में से चार के शव मिले हैं, बाकियों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
श्री दास ने बताया कि तटरक्षक बल छह नवंबर से चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति का सामना कर रहा है. बल कर्मी सभी तटीय गांवों और संवेदनशील क्षेत्रों में बचाव कार्य में लगे हुए हैं.
नदिया स्थित एनडीआरएफ द्वितीय बटालियन के कमांडेंट ने बताया कि बल की 10 टीमों को बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर में चक्रवात आने से पहले ही तैनात कर दिया गया था.

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